
वे खुद को दलित वर्ग से संबंधित बताकर इन वोटों के सहारे चुनाव जीतना चाहते हैं। फिलहाल राज्य की 117 विधानसभा सीटों में 34 रिजर्व सीटें हैं। दलित वर्ग से आए ऐसे उच्चाधिकारियों में, आईएएस अफसर एसआर कलेर जगराओं से अकाली विधायक रह चुके हैं और इस बार निहाल सिंह वाला विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
कांग्रेस के ही टिकट पर रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी एएस भट्टी भी दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें मलोट से टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने ही इस बार अटारी रिजर्व सीट से तरसेम सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है जोकि प्रदेश के कई जिलों के डीसी रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में सचिव पद पर रह चुके डॉ. अमर सिंह को भी इस बार कांग्रेस ने रायकोट सीट से टिकट दिया है।
अकाली दल की बात करें तो जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस निर्मल सिंह को पार्टी ने दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारते हुए चमकौर साहिब सीट से टिकट दिया है। जस्टिस निर्मल सिंह पिछली बार बस्सी पठाणा सीट से शिअद के विधायक चुने गए थे। चमकौर साहिब सीट पर इस बार उनका मुकाबला चरनजीत सिंह चन्नी से है। अकाली दल के टिकट पर ही आईपीएस अधिकारी सनमीत कौर के पति अमित रतन को बठिंडा रूरल सीट से चुनाव में उतारा गया है।
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