ब्रिटेन की वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश मामले का ब्यौरा देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं में आरोपी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आग्रह 9 फरवरी को ब्रिटेन के उच्चायोग को सौंप दिया गया था। उन्होंने कहा कि माल्या को 18 अप्रैल को गिरफ्तार करने के बाद वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रत्यर्पण के लिए पेश किया गया था। अदालत ने उसे सशर्त जमानत दे दी थी।
प्रवक्ता ने कहा कि मामले की प्रबंधन समीक्षा 6 जुलाई को हुई थी और प्रत्यर्पण के संबंध में सुनवाई की संभावित तारीख 4 दिसंबर घोषित की गई थी। इसी के अनुरूप माल्या की जमानत समान शर्तों पर तब तक के लिए बढ़ा दी गई थी।
उन्होंने कहा कि एक अन्य मामले की प्रबंधन समीक्षा सुनवाई 14 सितंबर 2017 को हुई थी, जिसमें ब्रिटेन की अभियोजन के समक्ष बचाव पक्ष का साक्ष्य पेश किया गया था और जिस पर भारतीय पक्ष को जवाब देना था।
भारतीय प्राधिकार को बचाव पक्ष के साक्ष्य के संबंध में 3 नवंबर 2017 से पहले जवाब देना है। प्रवक्ता ने बताया कि माल्या को दोबारा गिरफ्तार किया गया था और उसे 4 दिसंबर तक के लिए जमानत मिल गई थी। उन्होंने बताया कि सुनवाई से पूर्व मामले की समीक्षा की तिथि 20 नवंबर प्रस्तावित है।