वास्तु टिप्स 2018: अगर नए साल पर घर में करें ये 8 बदलाव, तो पूरे साल मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान

वास्तु टिप्स 2018: अगर नए साल पर घर में करें ये 8 बदलाव, तो पूरे साल मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान

साल 2018 का आरंभ होने जा रहा है, तो क्यों न हम घर को मजबूत, साफ और सुंदर बनाने के साथ, पारिवारिक सदस्यों के लिए भी कुछ करें। साफ-सुथरा, सजा-संवरा घर, जहां खुशियां  बसती हों, सदस्यों के बीच तालमेल हो, भविष्य की सकारात्मक योजनाएं हों, उत्साह हो, जीवन हो… ऐसे घर की कल्पना हम सभी करते हैं। लेकिन घर को घर बनाने का प्रयास कुछ लोग ही करते हैं। नया साल आते ही खुद के लिए संकल्प लेते हैं, तो फिर घर के लिए क्यों नहीं लेते कोई संकल्प? वास्तु टिप्स 2018: अगर नए साल पर घर में करें ये 8 बदलाव, तो पूरे साल मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबानदीवारों पर पड़ी दरारें, धब्बे, जाले, टूटी खिड़कियां आपके मन को प्रतिबिबिंत करती हैं। इसलिए सबसे पहले दरारों को भरवाएं। टूट-फूट ठीक कराएं। सामर्थ्य के अनुसार, घर में रंग-रोगन कराएं। यदि बच्चों की शिक्षा, बुद्धिमानी, युवावस्था के विकास को अच्छा रखना है, तो पूर्व दिशा को ठीक रखने का संकल्प लें। यहां पर देवराज इंद्र का प्रभाव रहता है। इस दिशा में मेष और वृष राशि तथा शुक्र का प्रभाव होता है। बच्चों के शयनकक्ष तथा कमरे को बल देना है, तो इंद्र से जुड़ी चीजें जैसे हाथी, डायमंड, क्रिस्टल या सफेद रंग का घोड़ा लगाएं। 

रसोई घर का खास हिस्सा होता है, तो आग्नेय दिशा (पूर्व-दक्षिण का कोना) को सुधारें। इस दिशा में प्रज्‍ज्वलित अग्नि की तस्वीर, मंगल चिन्ह, मोमबत्ती या फिर अग्नि तत्व का प्रतीक त्रिकोण आकृति लगाएं। इस दिशा में लाल, पीला व नारंगी रंग का प्रयोग करें। रात को नींद न आए, बेचैनी रहे, बीमारी से परेशान हैं, तो दक्षिण की दिशा को ठीक करें।  दिशा में सुधार लाने के लिए यहां गाय या बैल का चित्र लगाएं। वास्तु टिप्स 2018: अगर नए साल पर घर में करें ये 8 बदलाव, तो पूरे साल मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान
नींद की परेशानी, भूत-प्रेत का डर अथवा बुरे सपने आए, तो नैऋत्य दिशा  यानि दक्षिण-पश्चिम का कोना ठीक करें। यह शनि ग्रह तथा भूमि तत्व से जुड़ा स्थान है। रसोई या मुख्य दरवाजा यहां न बनाएं। इस स्थान को शुभ बनाने के लिए शेर पर सवार देवी, बड़ी बिल्ली या शेर की तस्वीर लगाएं। बैंगनी रंग का प्रयोग करें। शुक्र शयनकक्ष से जुड़ा ग्रह है, अतः यहां गुलाबी और हल्के हरे रंग का प्रयोग करें।
 

बेचैनी और दूरस्थ कम्यूनिकेशन में सुधार के लिए वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) को ठीक रखें। चंद्रमा इस स्थान का कारक है। यहां पर कोई चीज स्थिर नहीं रहती। अतः बाथरूम या गेस्ट रूम बनाएं। यहां पर अर्धचन्द्राकार चंद्र की फोटो लगाएं। लाभदायी वार्तालाप के लिए इस दिशा में टेलीफोन/मोबाइल रखें। हल्के, सिल्वरी टोन वाले रंग यहां पर बढ़िया रहते हैं। 
 

सेहत ठीक न रहे। धन की समस्या हो, तो उत्तर दिशा पर ध्यान दें। इस स्थान पर कुबेर तथा बृहस्पति का प्रभाव रहता है। यह स्टोर, लाइब्रेरी, ऑफिस और कीमती सामान रखने का उत्तम स्थान है। यहां पूर्वजों की तस्वीर बिल्कुल न लगाएं। बृहस्पति को खुश रखने के लिए पीले रंग का प्रयोग करें।
 

घर में शांति और सुखद वातावरण बनाने के लिए ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) पर ध्यान दें। यह प्राण वायु का जनक है। इस पर सोम का प्रभाव है। यह घर में स्थिरता लाता है। मन को आराम देने वाला स्थान है। यहां पर भारी वस्तुएं न रखें। मुख्यद्वार होना, भाग्यशाली रहेगा। इस स्थान पर सूर्य-चंद्र की आकृति तथा सोने-चांदी के रंग वाली आकृति लगानी चाहिए। म्यूजिकल चीजें विंडचाइम्स भी बढ़िया हैं।
 बेडरूम को युद्ध स्थल न बनाएं। इससे घर की शांति भंग होती है। घर के सभी सदस्यों की संयुक्त फोटोग्राफ पूर्व/उत्तर दिशा में लगाएं। यह वैमनस्य दूर करेगी तथा सबको करीब लाएगी। साल में एक बार घर के सारे सदस्य एक ही स्थान पर एकत्रित हों तथा सुखद माहौल में अपना समय व्यतीत करें। अतीत की सुखद यादों में जिएं।

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