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चेन्नई, प्रेट्र । बंगाल की खाड़ी में उठे भीषण चक्रवाती तूफान ‘वरदा’ से निपटने के लिए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने कमर कस ली हैं। दोनों राज्यों में इस सिलसिले में कई उपाय किए जा रहे हैं। वरदा के कारण तमिलनाडु सरकार ने प्रभावित इलाकों में सोमवार को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है। इसके तहत स्कूल-कॉलेज और दफ्तर बंद रहेंगे। मछुआरों से अगले 48 घंटे तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने नेल्लोर, प्रकाशम, गुंटूर और कृष्णा जिले की प्रशासनिक मशीनरी को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट कर दिया है। उधर, चेन्नई में बारिश शुरू हो गई है।
‘वरदा’ से निपटने की तैयारी
एनडीआरएफ के डीआईजी एसपी सेलवन ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए आंध्र-प्रदेश में 6 व तमिलनाडु और पुडुचेरी में 8 एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण इन राज्यों में सुबह के समय में भारी बारिश और तेज हवाओं के चलने की आशंका है। लेकिन दिन बढ़ने के साथ चक्रवात की तीव्रता में कमी होती जाएगी। वहीं एनडीआरएफ में इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में चार टीमें तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि टीमें स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और तैयार हैं।
वरदा से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। एनडीआरएफ के डीजी पचनंदा ने बताया कि राहत-बचाव के लिए तैयारियां पूरी हैं। कुल 13 टीमें भेजी गई हैं, जिसमें आंध्र प्रदेश में 7 टीम नेल्लोर, टाडा, सलूरपेटा, ओंगले, चित्तोर, विशाखापट्टनम में, जबकि तमिलनाडु में 8 टीमें तैनात की गई है। जिनमें 3 टीम चेन्नई के लिए रवाना हुई है। 2 टीमें त्रिवलूर और 1 महाबलीपुरम में है। इसके अलावा कुछ टीमें रिजर्व भी हैं।
चेन्नई से 330 किमी दूर ‘वरदा’
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि रविवार को दोपहर ढाई बजे ‘वरदा’ चेन्नई से 330 किलोमीटर पूर्व में केंद्रित था। यह सोमवार को 12 बजे के बाद तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मध्य जमीन से टकरा सकता है। इसके चलते रविवार रात से ही दोनों राज्यों के तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो जाएगी।12 दिसंबर को कई जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। इस दौरान 80-90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। मौसम खराब रहने के चलते मछुआरों को अगले 48 घंटों तक समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने राज्य के आपदा प्रबंधन अधिकारी के साथ बैठक कर जरूरी उपायों पर चर्चा की। उन्होंने सैन्य बलों को भी मुस्तैद रहने को कहा है।
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आंध्र प्रदेश में वरदा से निपटने की तैयारी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने अधिकारियों को भरपूर खाद्य पदार्थ और अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध रखने को कहा है।इस बीच, मौसम विज्ञान विभाग के दिल्ली कार्यालय ने चक्रवाती तूफान के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय को जानकारी दे दी है। विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया कि मैंने व्यक्तिगत रूप से तमिलनाडु और आंध्र के मुख्य सचिवों से बात की है। इसके अलावा क्षेत्रीय मौसम केंद्र इन दोनों राज्यों के आपदा प्रबंधन आयुक्तों से संपर्क बनाए हुए हैं।
विजयवाड़ा में कंट्रोल रूम तैयार
वरदा से पैदा हालात से निपटने के लिए आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में कंट्रोल रूम बनाया गया है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने चक्रवात प्रभावित जिलों में स्थिति पर निगरानी के लिए 4 आईएएस ऑफिशियल्स को अप्वाइंट किया है। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) की 5 टीमों को इन इलाकों में भेजा जा चुका है तटीय इलाके के लोगों से सुरक्षित जगहों पर चले जाने की अपील की गई है। सीएम नायडू ने हालात के मद्देनजर यूएई और कुवैत का अपना दौरा कैंसल कर दिया है।
इस तरह आगे बढ़ रहा चक्रवात
इंडियन मीटिअरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के मुताबिक, वेस्ट-सेंट्रल और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात वरदा 11 kmph की स्पीड से वेस्ट की ओर आगे की तरफ बढ़ गया है। मौजूदा वक्त में यह नेल्लोर के साउथ-साउथईस्ट से 520 km, मछलीपट्टनम के ईस्ट-साउथईस्ट से 490 km जबकि चेन्नई के ईस्ट-नॉर्थईस्ट से 480 km दूरी पर है। रविवार शाम तक चक्रवात की यही तीव्रता बने रहने के आसार हैं। इसके बाद यह साउथ आंध्रप्रदेश कोस्ट और नॉर्थ तमिलनाडू कोस्ट की ओर बढ़ेगा।
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भीषण साइक्लोन का खतरा स्काइमेट का अनुमान है कि बंगाल की खाड़ी में बना वरदा जल्द ही और प्रभावी होते हुए भीषण चक्रवात का रूप ले सकता है। इस सिस्टम के असर से अंडमान-निकोबार में बीते 2-3 दिनों से भारी बारिश हो रही है। साउथ ओडीशा और छत्तीसगड़ के भी साउथ इलाकों में बारिश हो सकती है।
क्या है वरदा ? बंगाल की खाड़ी से उठा वरदा इस सीजन का तीसरा चक्रवाती तूफान है। ‘वरदा’ का मतलब अरबी या उर्दू में ‘गुलाब’ होता है। नॉर्थ हिंद महासागर में चक्रवाती तूफानों का नामकरण आईएमडी करता है। जब हवा की स्पीड कम से कम 63 kmph हो जाती है और यह कुछ देर बरकरार रहती है तो 3 मिनट के भीतर ये चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर लेती है।