कमेटी की ओर से रायशुमारी के लिए नेताओं को कमरे के अंदर बुलाया जा रहा था। इस दौरान कमरे के एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक तो दूसरी ओर पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. संजय पालीवाल के समर्थक खड़े हो गए। उन्होंने अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी।
इसी बीच किसी ने हरीश रावत मुर्दाबाद कह दिया। इसके बाद दोनों गुट एक-दूसरे पर टूट पड़े और जमकर हाथापाई हुई। इससे अफरातफरी मच गई। इस पर पूर्व महापौर यशपाल राणा, डॉ. संजय पालीवाल, पूर्व राज्यमंत्री मनोहर लाल शर्मा समेत वरिष्ठ नेताओं ने उत्तेजित कार्यकर्ताओं को शांत कराया। दूसरी ओर कांग्रेस के पर्यवेक्षक महेंद्र पाल सिंह ने कहा कि मारपीट नहीं हुई है। जोश में कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे।
बाहरी और स्थानीय को लेकर पनप रहा असंतोष
कांग्रेस के अंदर बाहरी और स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर धड़ेबाजी है। एक गुट हरीश रावत का विरोध कर रहा है तो दूसरा गुट उनका समर्थन। एक गुट की ओर से डॉ. संजय पालीवाल के लिए टिकट की मांग की जा रही है। इसको लेकर दोनों ही गुटों में असंतोष है। गुरुवार को यह असंतोष फूट पड़ा।
10 और लोगों ने की दावेदारी
जिला पंचायत के डाकबंगले में आयोजित बैठक में 10 और लोगों ने दावेदारी पेश की है। महानगर अध्यक्ष कलीम खान ने बतया कि इससे पूर्व पांच लोगों ने पहले भी दावेदारी की थी। बैठक के दौरान कांग्रेस के पर्यवेक्षक महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि पार्टी टिकट किसी को भी दें, सभी को मिलकर कांग्रेस को जीतना है। पार्टी को एकजुट होकर मजबूत करना है।
इस मौके पर पूर्व विधायक राम¨सह सैनी, एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष सचिन चौधरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश कौशिक, विधायक फुरकान अहमद, कुलदीप सूर्यवंशी, राजकुमार चौधरी, विकास त्यागी, बिट्टू शर्मा, राज सिंह, सचिन त्यागी आदि मौजूद रहे।