लाल किले के दिल्ली गेट के संरक्षण कार्य योजना में अब और भी होगा विलंब

लाल किले के दिल्ली गेट के संरक्षण कार्य योजना में अब और भी विलंब होगा। यह कार्य 31 दिसंबर को पूरा होना था। लेकिन अब एक माह और लगने की उम्मीद है। कारण यह है कि इस गेट पर खोदाई के दौरान मुगलकालीन रास्ते के बाद अब उस समय का बना हुआ भूमिगत नाला मिला है। जिसके चलते प्रवेश द्वार के अंदर के रास्ते में बदलाव किया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इस नाले का संरक्षण कराने का फैसला लिया है।

मुगलकालीन तरीके बनाया हो रहा है तैयार

इस गेट के हाथी अहाते क्षेत्र को मुगलकालीन तरीके से बनाया जा रहा है। जिसके लिए पिछले आठ माह से काम चल रहा है। इस समय इस गेट से लाल किले में प्रवेश बंद है। इस क्षेत्र का कार्य दो माह में ही पूरा किया जाना था। इस गेट पर बिजली की भी भूमिगत लाइनें डालने का काम चल रहा है। इस कार्य को 15 दिन में पूरा किया जाएगा।

लाल किले में प्रवेश के दो गेट हैं। लाहौरी गेट से पर्यटक अंदर जाते-आते हैं। जबकि दिल्ली गेट से वीआइपी अंदर जाते हैं या एएसआइ का स्टाफ जाता आता है।

दो महीने पहले शुरू हुई थी खुदाई

इस गेट के अंदर हाथी अहाते को मुगलकालीन रूप में लाने के लिए दो माह पहले खोदाई शुरू की गई थी। इसे ढाई से तीन फीट गहरा किया जा रहा है। इस गेट पर पत्थर के दो हाथी बने हुए हैं। जिनकी भी अलग कहानी है। लाल किले में 1905 में लॉर्ड कर्जन ने ये दो हाथी बनवाए थे जो आज भी मौजूद हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com