दिल्ली पुलिस ने एक कंपनी में कथित तौर पर 49 लाख रुपये का गबन करने के आरोपी 38 वर्षीय कैशियर को घटना के तीन साल बाद गिरफ्तार किया है। उसने गबन यह अपने एक सहकर्मी के साथ मिलकर किया था और उसे कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए आरोपी के परिजनों ने कंपनी मालिक के खिलाफ ही उसे अगवा करने की झूठी शिकायत दर्ज करवाई थी।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि आरोपी लोकेश शर्मा ने 2016 में एक निजी कंपनी में कैशियर की नौकरी शुरू की थी। उसे यहां आईएसबीटी कश्मीरी गेट से पकड़ा गया है। पुलिस ने बताया कि लोकेश द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उसके साथी सुखविंदर सिंह (30) को भी पकड़ा गया जो मॉडल टाउन का रहने वाला है।
पीतमपुरा के क्रिश ऑटोमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंट मैनेजर राजन गुप्ता ने शिकायत दर्ज करवाई थी जिसमें बताया गया था कि लोकेश शर्मा और सुखविंदर 2016 से उनकी कंपनी में बतौर कैशियर काम कर रहे थे और 2018 में अकाउंट की जांच में पता चला कि उन्होंने कंपनी के खातों में 49 लाख रुपये का गबन किया है। इसके बाद मंगोलपुरी थाने में इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने बड़े पैमाने पर गबन किया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी लोकेश ने शिकायतकर्ता कंपनी पर कथित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट लिखा और बिना किसी को बताए घर से चला गया। बाद में कंपनी के खिलाफ बुराड़ी थाने में अगवा करने का मामला दर्ज किया गया। लोकेश और सुखविंदर 2018 से ही लापता थे।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) परविंदर सिंह ने बताया कि आरोपियों का तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की गई और अंतत: गुरुवार को उसे आईएसबीटी कश्मीरी गेट से पकड़ लिया गया। वहीं, उसके साथी सुखविंदर को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
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