लखनऊ। लखनऊ में एक एनजीओ की टीम ने गुरुवार की रात तीन लोगों को संदिग्ध हालत में पकड़ा है। पता चला कि एक आदमी औरत बनकर देह व्यापार करने निकला था। औरत बने उस आदमी से दो व्यक्ति सौदेबाजी कर रहे थे। और उन्होंने खुद को डॉक्टर बताया। एनजीओ की टीम ने तीनों को पुलिस के हवाले करके रिपोर्ट दर्ज कराई।
औरत बनकर देह व्यापार का धंधा
एसओ शिवशंकर सिंह ने बताया कि पॉवर विंग एनजीओ की संचालिका सुमन रावत के नेतृत्व में टीम ने बृहस्पतिवार देररात चारबाग में सार्वजनिक शौचालय के पास तीन लोगों को पकड़ा। इनमें साड़ी पहनकर मेकअप करके कंधे पर लेडीज पर्स लटकाए युवती ने खुद को पारा थाने के मोहन रोड निवासी नैना कालीचरण बताया।
पूछताछ में उसकी पहचान आकाश कालीचरण के रूप में हुई। इसके साथ फर्रुखाबाद के आवास विकास कॉलोनी निवासी डॉ. रीतेश परिहार और चौरासी बगिया निवासी राघवेंद्र कटियार पकड़े गए।
एक निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे डॉ. रीतेश की एनजीओ टीम से झड़प हुई। टीम किसी तरह तीनों को पकड़कर कोतवाली लाई और तहरीर देते हुए बताया कि लड़की के भेष में निकला एक युवक निकला।
देह व्यापार और लूटपाट की शिकायत
सुमन रावत ने बताया कि युवक-युवतियों द्वारा देह व्यापार या लिफ्ट लेकर लूटपाट की शिकायत मिली थी। इस पर एनजीओ की टीम लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहा, शहीद पथ व चारबाग इलाके में गश्त कर रही थी।
टीम ने तीनों लोगों को पकड़ने के बाद दो युवकों को चारबाग में पुलिस को सौंपा और युवती को अपनी कार से थाने ला रही थी। रास्ते में पूछताछ के दौरान उसे किन्नर समझा। इसके बाद खुलासा हुआ कि वह युवक है जो रोजाना रात को मेकअप कर युवती के भेष में निकलता और लोगों से पैसा ऐंठता था।