केजीएमयू के पीडियाटिक विभाग के नियोनेटल वार्ड में भर्ती चार महीने के बच्चे के परिवारीजनों का रविवार(27 मई) रात ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर डॉक्टर से इलाज को लेकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इस बीच बच्चे की मौत हो गई। परिवारीजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने से मौत का आरोप लगाया है। विवाद के कारण देर रात तक केजीएमयू और ट्रामा सेंटर में जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया इमरजेंसी सेवाएं भी ठप हो गईं। दर्जनों मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा जबकि भर्ती मरीज इलाज न मिलने से तड़पते रहे। इंस्पेक्टर और सीओ चौक ने जूनियर डॉक्टरों को शात कराने का असफल प्रयास किया। देर रात कार्यवाहक कुलपति डॉ. मधुमिता और सीएमएस डॉ. एसएन शखवार भी जूनियर डॉक्टरों की मान मनौव्वल करते रहे, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे। जूनियर डॉक्टरों ने बंद किया ट्रामा का गेट, बाहर तड़पे मरीज
मारपीट की सूचना पर ट्रामा और वार्ड मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने इलाज करना बंद किया और चैनल में ताला लगा दिया। उधर, इमरजेंसी सेवाओं के लिए आ रहे मरीज घटों बाहर एंबुलेंस और अन्य वाहनों में तड़पते रहे। केजीएमयू के कुलपति एमएलबी भट्ट छुट्टी के कारण सड़क के बाहर थे। रात में दूसरी बार हुआ हंगामा
इलाज को लेकर रात में यह दूसरी बार पीडियाटिक विभाग में हंगामा हुआ। पहले करीब रात 10 बजे तीमारदारों और डॉक्टरों में नोकझोंक हुई थी। एक्शन लेती पुलिस तो बच सकती थी बच्चे की जान
पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शात करा दिया और चली गई। इसके दो घटे बाद फिर मारपीट हो गई। पुलिस अगर तत्काल कार्रवाई करती को शायद बच्चे की मौत न होती।
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