वेतन व बोनस न मिलने से नाराज रोडवेज कर्मचारी आज रात 12 बजे से हड़ताल पर जा सकते हैं। जिससे सूबे में बसों का संचालन करीब 70 फीसद प्रभावित हो सकता है। कर्मचारी यूनियन ने सितंबर माह का वेतन व दिवाली बोनस की मांग समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल का नोटिस दिया हुआ है।
कर्मचारी यूनियन में सर्वाधिक चालक-परिचालक हैं, ऐसे में लंबी दूरी की बसों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। वहीं, हड़ताल को देखते हुए रोडवेज प्रबंधन ने सोमवार शाम कुछ डिपो में सितंबर का वेतन जारी कर दिया, लेकिन यह केवल नियमित कर्मियों का है। संविदा और विशेष श्रेणी का वेतन अभी लंबित ही है। इसके साथ ही प्रबंधन ने हड़ताल करने जा रही यूनियन को बातचीत का न्यौता भी दिया है।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी की ओर से पंद्रह दिन पूर्व प्रबंधन को अपनी मांगों का पत्र देकर 22 अक्टूबर की आधी रात बारह बजे से हड़ताल का नोटिस दिया गया था। पत्र में सितंबर के वेतन एवं बोनस की मांग दिवाली से पूर्व देने की मांग की गई।
नियमित और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भुगतान में अनियमितता समेत अनुशासनिक प्रकरणों में कुछ अधिकारियों पर भेदभाव के आरोप भी लगाए गए। उत्तरांचल वेतनभोगी कर्मचारी ऋण एवं बचत सहकारी समिति के कर्मियों की छह महीने की राशि वेतन से काटने के बावजूद समिति को भुगतान नहीं करने पर भी आक्रोश जताया था।
नोटिस में लंबित वेतन, बोनस व अन्य सभी भुगतान 22 अक्टूबर तक किए जाने की मांग उठाई गई थी। इसके बावजूद प्रबंधन ने वेतन एवं बोनस पर कोई निर्णय नहीं लिया। हड़ताल को लेकर कर्मचारी यूनियन की सोमवार को प्रदेशभर में बैठकें हुईं और सदस्यों ने डिपो में अवकाश के प्रार्थना-पत्र थमा दिए। इस संबंध में महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि बिना वेतन कर्मचारी गाड़ी कैसे चलाएं। यूनियन अपनी मांगों पर अडिग है।
कर्मचारी यूनियन की हड़ताल से करीब सत्तर फीसद संचालन प्रभावित हो सकता है। दरअसल, कर्मचारी यूनियन में संविदा व विशेष श्रेणी के चालक और परिचालक सदस्य की संख्या सबसे ज्यादा है। संविदा और विशेष श्रेणी के चालक-परिचालकों पर ही मौजूदा समय में बसों का संचालन निर्भर है। अगर आंदोलन हुआ तो यात्रियों की मुसीबत भी तय है।
कर्मियों की छुट्टियां रद