सोनीपत निवासी कारोबारी अजय ¨सह को उनके एक रिश्तेदार ने धोखे से करीब 9 लाख रुपये की चपत लगा दी है। करीब दो साल पहले कारोबारी के अंबाला छावनी स्थित फर्म कार्यालय से चोरी हुए एक चेक के जरिए बैंक कर्मी की साठगांठ के साथ मिलकर खाते से रुपये निकाले गए। इसका पता तब चला जब कुछ दिन पहले फर्म में मुंशी की नौकरी करने वाले रिश्तेदार ने ही बैंक में चेक लगाया और बैंक से कारोबारी को सूचना मिली। इस बारे में कारोबारी अजय ने एसपी को सूचना दी जिसके आधार पर सोमवार देर रात अंबाला छावनी के पड़ाव थाने में विरेंद्र ¨सह निवासी गांव नौलथा इसराना जिला पानीपत के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।
रिश्तेदार मुंशी ने फर्म का दो साल पहले चोरी हुआ चेक बैंक में लगाया, संदेह के घेरे में फंसे बैंक कर्मी
हुआ यूं कि गांव सिरसाढ़ तहसील गोहाना जिला सोनीपत निवासी अजय ¨सह का एक स्टोन क्रेशर है और अंबाला में उसने अपना एक फर्म कार्यालय बनाया हुआ है क्योंकि उसके पास सड़कों को बनाने का भी काम है। उसने अपने मामा के बेटे के साले विरेंद्र को अपने कार्यालय में मुंशी की नौकरी पर रखा था। यहां सारा हिसाब-किताब वही रखता था। बैंकों में लेन-देन का काम भी उसे ही दिया हुआ था। फरवरी 2016 में मुंशी विरेंद्र ने कार्यालय के पड़ोस में झगड़ा कर लिया था और इसके बाद वह बिना कोई सूचना दिए ही चला गया था। इसके बाद वह दोबारा कभी वापस नहीं आया और कारोबारी ने इस बारे में अपने मामा व उनके बेटे को भी जानकारी दे दी थी। इसके बाद कारोबारी को चेकबुक से एक चेक कम मिला तो उसने 14 मार्च 2016 को इस चेक की पेमेंट स्टांप करने बारे बैंक में आवदेन कर दिया था। इसके बाद वह इस चेक बारे में भूल गया और 28 मई को कारपोरेशन बैंक अंबाला से सूचना आई कि उपरोक्त चेक किसी विरेंद्र नाम के व्यक्ति ने बैंक में लगाया है लेकिन स्टांप नहीं होने के कारण वह पास नहीं हो पाया। इसके बाद जांच में पता चला कि विरेंद्र ने ही कार्यालय से चेक चोरी किया था। फिलहाल अब बैंक कर्मी भी संदेह के घेरे में है क्योंकि बैंक कर्मी की मदद से ही विरेंद्र ने इतना पुराना यह चेक बैंक में पास होने के लिए लगाया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।