राहुल गांधी चुनाव आयोग पर बरसे बोले- सत्ता पक्ष की तुलना में विपक्ष पर सख्त

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष पर चुनाव आयोग बेहद सख्ती से पेश आ रहा है. जब बात बीजेपी की आती है तो वह एक स्टैंड ले लेता है, लेकिन जब विपक्षी दलों की बात आती है तो वहां चुनाव आयोग पूरी तरह पक्षपाती हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और आरएसएस का काम करने का तरीका संस्थानों को पकड़कर काम करना है.

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के प्रचार के अंतिम दिन अमेठी के लिए रवाना होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए चुनाव आयोग की विश्सनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग सत्ता पक्ष की तुलना में विपक्ष पर ज्यादा सख्त है. चुनाव आयोग चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन जनता ने मन बना लिया है.

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष पर चुनाव आयोग बेहद सख्ती से पेश आ रहा है. जब बात बीजेपी की आती है तो वह एक स्टैंड ले लेता है, लेकिन जब विपक्षी दलों की बात आती है तो वहां चुनाव आयोग पूरी तरह पक्षपाती हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और आरएसएस का काम करने का तरीका संस्थानों को पकड़कर काम करना है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर आरबीआई, चुनाव आयोग तक सब जगह वही दिख रहा है. यही उनकी कोशिश है. हमें पता है कि इसका चुनाव आयोग पर भी असर पड़ रहा है. चुनाव आयोग जो भी कर ले, हिंदुस्तान की जनता ने मन बना लिया है, तो कोई कुछ नहीं कर सकता. लेकिन आयोग की जो जिम्मेदारी है उसे ईमानदारी से निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम कभी भी संवैधानिक संस्थाओं को व्यवस्था को डिस्टर्ब करने नहीं देंगे.

कोर्ट में पहुंचा मामला

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर आदर्श आचार संहिता का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है और दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज करा रहे हैं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के संबंध में कांग्रेस की 11 में से 2 शिकायतों पर फैसला किया जा चुका है. चुनाव आयोग पीएम मोदी को उनके भाषणों के लिए क्लीन चिट दे चुका है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले बयानों या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस की शेष बची 9 शिकायतों पर निर्णय लेने के निर्देश दिए. कोर्ट 6 मई को इस मामले में सुनवाई करेगा.

चुनाव आयोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मायावती, आजम खान, प्रज्ञा ठाकुर समेत कई नेताओं पर उनके विवादित बोल के कारण प्रतिबंध लगा चुका है. हालांकि कांग्रेस समेत कई दल चुनाव आयोग पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर ‘निष्क्रियता’ बरतने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता पिछले चार हफ्ते से लगातार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है और चुनाव आयोग ने कांग्रेस की 40 शिकायतों पर कोई निर्णय नहीं लिया.

राहुल गांधी ने अपनी पीसी में साफ किया कि उन्होंने ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर सुप्रीम कोर्ट से माफी क्यों मांगी. उन्होंने कहा, ‘मैंने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है, क्योंकि वहां सुनवाई चल रही है और मैंने इस पर कमेंट कर दिया, जबकि वो मेरी जगह नहीं थी. मुझसे गलती हुई तो मैंने माफी मांग ली, लेकिन ‘चौकीदार चोर है’, यह सच्चाई है. इसलिए न मैं नरेंद्र मोदी से और न ही बीजेपी से माफी नहीं मांग रहा हूं. यह नारा आगे भी जारी रहेगा.

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