राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा के दूसरे चरण में गांबिया पहुंच चुके हैं। गांबिया के राष्ट्रपति एडम बैरो ने बांजुल हवाई अड्डे पर उनका सैन्य सम्मान के साथ स्वागत किया। यहां दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधि स्तर की बातचीत हुई। राष्ट्रपति कोविंद ने गांबिया के अपने समकक्ष एडम बैरो के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत की।
दोनों नेताओं के बीच इंटरनेशनल सोलार एलाएंस, मेडिसिन और होम्योपैथी के क्षेत्र में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस करार के तहत भारत, गांबिया में स्किल विकास और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पांच लाख डॉलर की मदद देगा। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच वैश्विक और स्थानीय मुद्दों पर बातचीत हुई।
स्थिरता और विकास के लिए राष्ट्रपति कोविंद ने गांबिया के राष्ट्रपति की तारीफ की। राष्ट्रपति कोविंद ने गांबिया के विकास में भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय गैंबियन समुदाय के साथ अच्छी तरह से घुलमिल गए हैं। प्रवासी भारतीयों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि गांबिया के विकास में इन लोगों का अहम योगदान है।
यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की गांबिया की पहली यात्रा है। गांबिया में भारत का दूतावास नहीं है। भारत ने अफ्रीकी में 18 नए दूतावास खोलने का फैसला किया है। इनमें सात पश्चिमी अफ्रीका में खोले जाने हैं। भारत और गांबिया ने औषधि और होम्योपैथी की पारंपरिक प्रणालियों में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस वार्ता के बाद राष्ट्रपति ने मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि दो प्राचीन समाज होने के नाते दोनों देशों के पास आयुर्वेद के क्षेत्रों और पारंपरिक स्वास्थ प्रणालियों के अन्य रूपों में दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है। राष्ट्रपति कोविंद ने गांबिया के राष्ट्रपति को उनके देश के साथ भारत के पारंपरिक संबंधों को बढ़ाने में उनकी प्रतिबद्धता और उसके विकास में योगदान से अवगत कराया ।
अफ्रीका के इन तीनों देशों के दौरे के पहले चरण में राष्ट्रपति कोविंद 28 जुलाई को बेनिन पहुंचे। इस क्रम में वह गांबिया और गिनी का दौरा कर चुके हैं। राष्ट्रपति के इन तीन देशों के दौरे में आपसी व्यापार बढ़ाने पर विशेष जोर होगा।