रामायण और महाभारत के पात्र – दोस्तों हममें से ज्यादातर लोग रामायण और महाभारत दोनों से भलीभांति वाकिफ हैं. लेकिन क्या कोई इस बात से वाकिफ है, कि 5 ऐसे पात्र हैं जिन्होंने महाभारत और रामायण दोनों में अपनी अहम भूमिका निभाई थी.
आइए आज हम आपको रामायण और महाभारत के पात्र के बारे में बताते हैं.
रामायण और महाभारत के पात्र –
1. हनुमान
दोस्तों रामायण में भगवान राम के परम शिष्य जिन्होंने रामायण में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई. वो भगवान हनुमान महाभारत में भी थे. जब वे पांडवों के वनवास के दिनों में भीम से मिले थे. पुराणों में इस बात की भी व्याख्या की गई है कि गदाधारी भीम भगवान हनुमान के भाई हैं क्योंकि हनुमान और भीम दोनों हीं पवन देव के पुत्र हैं.
2. परशुराम
उस समय के सबसे बड़े ग्यानी के रूप में परशुराम को जाना जाता है. कहते हैं कि 21 बार क्षत्रियों को पृथ्वी से नष्ट करने का काम परशुराम ने किया था. रामायण में परशुराम का वर्णन उस समय आता है जब माता सीता के स्वयंवर में भगवान राम ने शिव का धनुष थोड़ा था. वहीं महाभारत में भीष्म के गुरु हैंं परशुराम. और एक बार ऐसा भी समय आया जब उन्होंने भीष्म के साथ युद्ध किया. महाभारत में कर्ण को भी परशुराम ने ज्ञान दिया है.
3. जामवंत
भगवान राम के प्रमुख सहयोगी के रुप में जामवंत का वर्णन रामायण में मिलता है. रामसेतु के निर्माण में इन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वहीं महाभारत में उन्होंने भगवान कृष्ण के साथ युद्ध किया. लेकिन जब उन्हें इस बात का पता चला कि कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं, तो उन्होंने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह भगवान श्री कृष्ण के साथ किया था.
4. मयासुर
मयासुर रावण की पत्नी मंदोदरी के पिता, यानी कि रावण के ससुर थे. वे ज्योतिष तथा वास्तु शास्त्र थे. महाभारत में मयासुर ने हीं युधिष्ठिर के लिए सभा भवन के निर्माण का कार्य किया. जिसे लोग महासभा के रूप में जानते हैं. और यही वो सभा था जिसे देखकर दुर्योधन को पांडवों से ईर्ष्या होने लगी थी. और कहीं-ना-कहीं कहते हैं कि दुर्योधन की यही ईर्ष्या महाभारत में युद्ध का कारक बनी थी.
5. महर्षि दुर्वासा
बहुत ही बड़े भविष्यवक्ता थे महर्षि दुर्वासा. जो रामायण काल में हिंदुओं के महान ऋषि हैं. रघुवंश के भविष्य से जुड़ी बहुत सारी भविष्यवाणियां महर्षि दुर्वासा ने की थी. जबकि महाभारत में भी महर्षि दुर्वासा पांडवों के निर्वासन के दिनों में पांडव पत्नी द्रोपति की परीक्षा लेने की खातिर उनकी कुटिया में अपने 10,000 शिष्यों के साथ गए थे.
दोस्तों ये 5 ऐसे पात्र हैं जिन्होंने रामायण में तो अहम भूमिका निभाई हींं थी, साथ हीं महाभारत में भी इन्होंने काफी अहम भूमिका निभाने का
कार्य किया था. ये ऐसे पौराणिक पात्र हैं जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकता.
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