हर कोई जानता है कि सचिन तेंदुलकर राज्यसभा सांसद हैं क्योंकि उन्हें खेल की दुनिया में भगवान का दर्जा हासिल है। हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। पर क्या आपको मालूम है कि राज्यसभा में एक नहीं दो तेंदुलकर हैं। 44 साल के सचिन के अलावा 56 साल के विनय दीनू तेंदुलकर भी उच्च सदन के सदस्य हैं। विनय और सचिन में उपनाम तेंदुलकर के अलावा कोई समानता नहीं है।
क्रिकेट के भगवान संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेते ही खबरों में आ जाते हैं। विनय सुर्खियों से दूर रहते हैं। विनय भाजपा के गोवा प्रदेश अध्यक्ष हैं। सचिन का कार्यकाल 2012 में शुरू हुआ था और अप्रैल, 2018 में खत्म हो जाएगा। वहीं विजय की राज्यसभा में पारी अभी शुरू हुई है। उन्हें इस साल जुलाई में गोवा की एकमात्र सीट से चुना गया है।
भारत रत्न सचिन पिछले हफ्ते सुर्खियों में आ गए थे, जब वह खेलने के अधिकार और भारत के खेल के भविष्य विषय पर चर्चा की शुरुआत के लिए सदन में बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन दूसरे सांसदों के हंगामे चलते अपनी बात न रख सके। सचिन किशोरावस्था में क्रिकेट में पदार्पण के साथ ही लोगों की नजर में आ गए थे। विनय तेंदुलकर का कॅरियर प्रोफाइल एकदम अलग है। राजनीति में आने के लिए उन्होंने 1994 में माइनिंग कंपनी में नौकरी छोड़ दी थी। 1999 और 2002 में दो बार विधायक चुने गए। विवादों से दूर रहने वाले विनय गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर के करीबी माने जाते हैं।
गोवा में जाना पहचाना उपनाम है तेंदुलकर
उत्तरी कोंकण और गोवा में तेंदुलकर जाना पहचाना उपनाम है। पर इन लोगों की खानपान और संस्कृति महाराष्ट्र के लोगों से बहुत ज्यादा नहीं मिलती है। तेंदुलकर उपनाम वाले एक और मशहूर शख्स हैं, पटकथा लेखक विजय तेंदुलकर और उनकी बेटी अभिनेत्री प्रिया।