राजस्थान के कई इलाके जलमग्न, पढ़े पूरी ख़बर

राजस्थान के हाड़ौती में रविवार सुबह से हो रही बारिश सोमवार को भी जारी रही। ऐसे में संभाग के सभी जिलों के कई इलाके जलमग्न हो गए तो वहीं कोटा शहर के भी हालत बिगड़ गए हैं। शहर में करीब 4 इंच बारिश दर्ज की गई है। इसके साथ ही कोटा बैराज से भी लगातार पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। वहीं चंबल नदी के निचले इलाकों को प्रशासन ने खाली कराना शुरू कर दिया है। साथ ही इन इलाकों में रहने वाले लोगों की व्यवस्था स्कूलों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर कर दी गई है।

शहर के इन इलाकों के बिगड़े हालात
लगातार हो रही तेज बारिश से शहर की एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों में पानी भर गया। इसमें उज्जवल विहार, भीमगंज मंडी, प्रेम नगर, गोविंद नगर, छावनी, शॉपिंग सेंटर, रामपुरा समेत कई इलाके शामिल हैं। जहां पर बारिश से हालात पूरी तरह से बिगड़ गए हैं। इसके साथ ही शहर के अन्य इलाके भी इससे अछूते नहीं रहे। मौसम विभाग के अनुसार अब तक कोटा में 804 एमएम से अधिक बारिश हो चुकी है, जो कि पिछले साल से 42 फ़ीसदी ज्यादा है। पिछले साल 21 अगस्त तक 564 एमएम बारिश हुई थी।

कोटा और बूंदी में स्कूलों की छुट्टी
कोटा सहित संभाग के अन्य जिलों में लगातार हो रही बारिश के बाद कोटा और बूंदी के जिला कलेक्टरों ने सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में सोमवार को छुट्टी के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टर का कहना है कि जिले में लगातार हो रही बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। इसके साथ ही स्कूलों के आसपास भी काफी पानी भर गया है। ऐसे में एतिहात के तौर पर बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सोमवार को सभी स्कूलों में छुट्टी के निर्देश दिए गए हैं।

राजस्थान का मध्य प्रदेश से टूटा संपर्क 
जिले के अन्य कस्बों में भी बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिसकी वजह से कोटा जिले की सीमा से लगने वाले गांव जलमग्न हो गए हैं, तो वहीं कोटा-शयोपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इसके साथ ही सांगोद-कैथून मार्ग भी रोक दिया गया है। यहां बनी पुलिया पर 10 से 15 फीट तक पानी की चादर चलने लगी है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन ने दोनों तरफ बैरिकेड लगाकर यातायात को डायवर्ट कर दिया है। वहीं बारिश के चलते कई जगह से हादसों की खबरें भी सामने आ रही हैं।

कोटा बैराज के 13 गेट खुले 
पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर चंबल नदी के सभी बांधों पर भी देखने को मिल रहा है। बैराज के 13 गेटों को देर रात से खोल रखा गया है। इन गेटों से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। ऐसे में चंबल नदी के दोनों किनारों पर बसी बस्तियों को प्रशासन ने खाली कराना शुरू कर दिया है। वहीं एसजीआरएफ और एनडीआरएफ को भी अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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