यूपी माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सामूहिक नकल कराने वाले विद्यालयों की मान्यता रद्द कराने का फैसला किया है। इतना ही नहीं नकल कराने में लिप्त पाए गए एडेड और सरकारी स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाचार्य निलंबित होंगे, वहीं निजी स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के पुनर्गठन का निर्णय भी लिया गया है।
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उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला व मंडलस्तरीय अधिकारियों को इन निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा केंद्र का प्रबंधक, प्रधानाचार्य या कक्ष निरीक्षक नकल कराने में लिप्त पाया जाए तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सामूहिक नकल मिलने पर विद्यालयों को काली सूची में डालते हुए मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही भी तत्काल शुरू की जाए। अगर एक ही मैनेजमेंट के कई कॉलेज हैं तो एक में नकल मिलने पर, उसके बाकी कॉलेजों की भी जांच कराने के निर्देश दिए।
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प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में सख्ती के कारण अब तक 5.25 लाख विद्यार्थी परीक्षा छोड़ चुके हैं। नकल के मामले सामने आने पर 4 प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। इसी तरह से 327 केंद्र व्यवस्थापकों, 178 कक्ष निरीक्षकों और 70 विद्यार्थियों के खिलाफ भी एफआईआर हुई है। 54 केंद्रों पर परीक्षा रद्द की गई है, जबकि 57 सेंटर डिबार किए गए।