जहां एक तरफ तीन तलाक को लेकर सरकार से लेकर कोर्ट तक बड़े बड़े कदम उठाती हुई नजर आती है, तो वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश से तीन तलाक का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जी हां, उत्तर प्रदेश में तीन तलाक की पीड़िता को परेशान होकर को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें यूपी पुलिस की क्या लापरवाही है? तो चलिए हम आपको आगे पूरा मामला समझाते हैं।
बता दें कि मामला उत्तर प्रदेश के गौंडा जिले का है। गौंडा की एक मुस्लिम महिला ने पुलिस पर उसकी शिकायत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया हैं। जी हां, पीड़िता के अनुसार वो जब थाने गई थी तब पुलिस वालोंं ने उसकी एफआरआई तो लिख ली, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह से उसे तीन तलाक से पीड़ित होना पड़ा।
क्या है पूरा मांजरा?
गौंडा जिले मेंं रहने वाली शबनम नाम की महिला का कहना है कि वो थाने में दहेज की शिकायत लेकर गई थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बता दें कि पहले यह मामला सिर्फ दहेज का था, लेकिन अब तीन तलाक का हो गया। जी हां, शबनम का कहना है कि उसके शौहर ने उसे मुंबई से चिट्ठी लिखकर तलाक दे दिया है। शबनम का एक बेटा भी। परेशान होकर महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
मामला चाहे जो भी हो लेकिन एक बार फिर यूपी पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इस मामलें पर कई सारे सवाल खड़े होते है, जिसमें से एक ये भी है कि क्या योगीराज में भी पुलिस अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है? दूसरा बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या अब अदालत या सरकार यूपी पुलिस से उसके इस लापरवाही के लिए तलब करेगी या फिर एक दूसरी शबनम फिर सामने आएगी? खैर जो भी हो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को इस मामलें के लिए यूपी पुलिस को फटकार लगानी ही चाहिए।