परमाणु हथियारों की रिपोर्ट की मानें तो अभी अमेरिका के पास 6,970 परमाणु हथियार हैं जिनमें से 1,750 परमाणु हथियार एक्टिव हैं। वहीँ दूसरी तरफ रूस के पास अभी कुल 7,300 परमाणु हथियार हैं और जिनमें से कुछ 1,790 हथियार एक्टिव स्थिति में हैं।
फ्रांस के पास 300 परमाणु हथियार हैं जिनमें से 290 लाइव हैं। चीन के पास इस समय 260 परमाणु हथियार हैं लेकिन निश्चित रूप से चीन जल्द ही सभी को पीछे छोड़ने वाला है।
अब अगर भारत की बात करें तो हमारे पास परमाणु हथियारों की संख्या करीब 120 है। भारत ने अपना सफल परमाणु परीक्षण 1998 में किया था। जैसे ही भारत एक परमाणु संपन्न देश बना था तो उसके ऊपर कई देशों ने प्रतिबंध भी लगा दिए थे।
तो सवाल अब यह उठता है कि अगर भारत आज भी कोई परमाणु परीक्षण करता है तो उसके ऊपर कौन-कौन से देश प्रतिबंध लगा सकते हैं-
1. सबसे पहले अमेरिका हो जायेगा गुस्सा
अभी वर्तमान में बेशक आपको लग रहा है कि भारत और अमेरिका परम मित्र बन गये हैं किन्तु अगर भारत किसी भी तरह के परमाणु हथियार की तैयारी करता है या फिर परीक्षण करने का प्लान बनाता है तो अमेरिका सबसे पहले इसका विरोध करेगा। अगर गलती से भारत यह परीक्षण कर भी लेता है तो तब अमेरिका भारत पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा सकता है।
2. चीन तो जैसे आतंक मचा देगा
चीन वह दूसरा देश होगा जो भारत के परमाणु परीक्षण का विश्वभर में विरोध करेगा। बेशक चीन का प्लान है कि आने वाले 15 सालों में उसको विश्व का नंबर वन परमाणु संपन्न देश बनना है किन्तु वह यह नहीं चाहेगा कि भारत भी इसी रास्ते पर चले। इसलिए चीन भारत पर लगे प्रतिबंधों का पालन भी करेगा।
3. जापान भी है इसी क्रम में
जापान भी भारत के परमाणु परीक्षण के खिलाफ रहता है। वैसे तो जापान भारत का दोस्त बनकर रहना चाहता है किन्तु परमाणु के मुद्दे पर वह भी भारत का दुश्मन बन जाता है। जापान नहीं चाहता है कि भारत अपनी परमाणु ताकत और अधिक बढ़ाये।
4. रूस को आप पहचान नहीं पा रहे हो
अब अगर भारत परमाणु हथियारों की अपनी संख्या बढ़ाता है तो इससे रूस जैसे देशों को यह नुकसान होगा कि तब भारत कई रक्षा हथियार इससे नहीं खरीदेगा। रूस वैसे तो भारत को अपना दोस्त बताता है लेकिन यह सब व्यापार के लिहाज से ही है। अभी पाक जब रूस से हथियार खरीदता है तो रूस भारत को भूल जाता है। इसलिए रूस को अपना दोस्त समझना भारत की गलती होगी।