आजतक कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने अजीब अजीब रिवाजों के लिए फेमस हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जी दरअसल हम बात कर रहे हैं रणथंभौर राजस्थान के गणेश जी के एक मंदिर की जहाँ हर शुभ कार्य से पहले गणपति जी को चिट्ठी भेजकर निमंत्रण दिया जाता है. जी हाँ, कहते हैं इस मंदिर में गणेश जी के चरणों में चिठ्ठियों और निमंत्रण पत्रों का ढेर लगा रहता है और इस वजह से सभी के घर में काम मंगलकारी होते हैं.
कहा जाता है कि गणपति जी के इस मंदिर की स्थापना रणथंभौर के राजा हमीर ने 10वीं सदी में की थी और युद्ध के समय गणेश जी राजा के सपने में आएं और उन्हें आशीर्वाद दिया और राजा युद्ध में विजयी हुए और इसके बाद राजा ने अपने किले में गणेश जी के मंदिर का निर्माण करवाया. आपको बता दें कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति में भगवान की तीन आंखें हैं और यहां पर भगवान गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि, सिद्धि और अपने पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं.
इसी के साथ गणपति का वाहन चूहा भी साथ में है और यहां गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा करते हैं. यहाँ लोग अपनी मन की बात गणपति को बताने के लिए लोग डाक द्वारा चिट्ठियां भेजते हैं और यहाँ भेजे जाने वाई कार्ड पर पता लिखा जाता है- ‘श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला, जिला- सवाई माधौपुर (राजस्थान).” कहते हैं चिट्टी जब मंदिर में पहुंच जाती हैं तब पुजारी जी चिट्ठियों को भगवान गणेश के सामने पढ़कर उनके चरणों में रख देते हैं और ऐसा करने से काम सफल हो जाते हैं.