यूपी बोर्ड परीक्षाः वादा कर नहीं भरवाया परीक्षा फार्म, साल बर्बाद

तनीषा अवस्थी ने इमिलिहा स्थित एमसीडी इंटर कॉलेज से इंटर का फॉर्म भरा था। मगर, स्कूल की मान्यता हाईस्कूल तक ही थी। इसलिए इंटर का फॉर्म दूसरे कॉलेज से भरवाए जाते थे। अंत समय तक छात्रा एडमिट कार्ड के लिए टरकाते रहे, लेकिन कार्ड नहीं मिला, जिससे वह परीक्षा नहीं दे पाई।

25 साल की उम्र पार करने वाले जनरल कैटेगरी के छात्र भी दे सकेंगे नीट 2017
यूपी बोर्ड परीक्षाः वादा कर नहीं भरवाया परीक्षा फार्म, साल बर्बादकेस-2
शीलू शुक्ला ने आलमबाग स्थित आदर्श भारती इंटर कॉलेज में इंटर पीसीएम में प्रवेश लिया। दो वर्ष तक रेगुलर पढ़ाई की। मगर, जब उसका एडमिट कार्ड नहीं आया तो जानकारी करने पर पता चला कि कॉलेज की मान्यता केवल हाईस्कूल तक है। इंटर का फॉर्म भराया ही नहीं गया और उसका साल बर्बाद हो गया।

राजधानी में यूपी बोर्ड परीक्षा का फॉर्म भरवाने व पास कराने के नाम पर फर्जीवाड़े का जमकर खेल होता है। हर साल हजारों स्टूडेंट्स इस फर्जीवाड़े का शिकार होते हैं और उनका साल बर्बाद हो जाता है। खास बात यह है कि ऐसी ढेरों शिकायतें हर साल सामने आती हैं, लेकिन विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता, जिससे इनके हौसले बुलंद हैं।

कई कोचिंग संस्थान और अमान्य स्कूल बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरवाने और नकल का ठेका उठाने का गोरखधंधा धड़ल्ले से चला रहे हैं। यह खेल वित्तविहीन स्कूलों के साथ मिलकर खेला जाता है। इसके लिए छात्रों से मोटी रकम वसूली जाती है। हालत यह है कि महज बोर्ड फॉर्म भरवाने के नाम पर 5 से 10 हजार रुपये ले लिए जाते हैं।

अब पीएचडी डिग्री पाने के लिए करनी होगी नियमित क्लास

व‌िभाग नहीं करता कार्रवाई

वहीं, पास कराने के नाम पर 20 हजार रुपये तक लिए जाते हैं। बीते गुरुवार को निगोहां स्थित सत्यनारायण इंटर कॉलेज में पकड़ा गया फर्जी परीक्षार्थी इनायत हुसैन के पीछे भी ऐसे ही एक कोचिंग संस्थान का हाथ है, जिसने शमीम हैदर का प्राइवेट फॉर्म काशीश्वर इंटर कॉलेज से भरवाया था।
इसी के तहत उसके स्थान पर ठेका लेकर इनायत को परीक्षा देने भेज दिया। अमान्य स्कूल व कोचिंग संस्थान छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठाने का पूरा भरोसा दिलाते हैं। उनका फॉर्म जिले में संचालित विभिन्न वित्तविहीन स्कूलों से भराते हैं। ऐसे में कई छात्रों के फॉर्म नहीं भर पाते हैं, जिससे उनका साल बर्बाद हो जाता है।
हर साल ऐसी हजारों शिकायतें आने के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री और प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि जिले में करीब 200 से ज्यादा अमान्य स्कूल संचालित हैं। रजिस्ट्रेशन और बोर्ड फॉर्म भराने से पहले हर साल इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विभाग को कहा जाता है। इस पर हो-हल्ला तो होता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। 
‘लिखित में शिकायतें आने पर अमान्य स्कूलों पर जांच के बाद कार्रवाई की जाती है। कई बार शिकायत करने वाला साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा पाता। वहीं, वित्तविहीन स्कूलों के खिलाफ हर बार कार्रवाई की जाती है।’ – उमेश त्रिपाठी, डीआईओएस
‘जहां से फॉर्म भराया गया है उसका संचालक जेल में है। रजिस्ट्रेशन हो पाया कि नहीं इसकी जानकारी नहीं है।’ – नरेंद्र विक्रम , प्रबंधक

बिहार सरकार में इंजीनियर्स के पदों पर भर्ती, करें अप्लाई

एमसीडी इंटर कॉलेज
‘मेरा बेटा काम-काज देखता था। इसकी दुर्घटना में मौत हो गई है. इसी के चलते तीन बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। मेंरी हाईस्कूल की मान्याता है और इंटर की कोच‌िंग चलती है।’ – बलदेव मेहता, प्रबंधक, आदर्श भारती इंटर 

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com