यूनिटेक पर होगा सरकार का कंट्रोल, NCLT ने दी 10 डायरेक्टर्स नियुक्त करने की मंजूरी

यूनिटेक पर होगा सरकार का कंट्रोल, NCLT ने दी 10 डायरेक्टर्स नियुक्त करने की मंजूरी

दिवालिया घोषित होने की कगार पर खड़ी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक पर अब पूरी तरह से केंद्र सरकार का कंट्रोल होगा। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने केंद्र सरकार को अधिकार दिया है कि वो कंपनी में 10 नए डायरेक्टर्स को नियुक्त करें। यूनिटेक पर होगा सरकार का कंट्रोल, NCLT ने दी 10 डायरेक्टर्स नियुक्त करने की मंजूरी

कई कंपनियों पर लटकी तलवार
रियल एस्टेट सेक्टर का वैसे ही बुरा हाल है। कंपनियां अपने बकाया कर्ज और प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पा रही हैं, जिसकी वजह से कई जानी मानी कंपनियों पर दिवालिया घोषित करने की तलवार लटक रही है।  सरकार को 10 डायरेक्टर्स के नाम 20 दिसंबर तक सबमिट करने हैं। 
 
2 सदस्यों वाली एनसीएलटी बेंच में सरकार ने कंपनी का कंट्रोल अपने पास लेने के लिए याचिका दायर की थी। कंपनी के मैनेजमेंट पर खरीददारों से जुटाए गए फंड का मिसयूज करने का आरोप है। एनसीएलटी ने यूनिटेक को भी नोटिस भेजकर मामले में जवाब मांगा था। 
 
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने दाखिल की थी अर्जी 
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने सरकार की तरफ से एनसीएलटी में अर्जी दाखिल की थी। साथ ही कंपनी के मौजूदा बोर्ड को भंग करने की मांग की गई थी। सरकार ने कहा था कि वह यूनिटेक के बोर्ड में अपने 10 मनोनीत सदस्य लाना चाहती है। सरकार ने मौजूदा डायरेक्टर और सीएफओ की संपत्ति बेचने पर भी रोक लगा दी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को रियल इस्टेट कंपनी यूनिटेक को आदेश देते हुए कहा है कि वो 31 दिसंबर तक कोर्ट की रजिस्ट्री में 750 करोड़ रुपये जमा कर दें, ताकि घर खरीदने वाले बायर्स को पैसा रिफंड किया जा सके। 

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि वो इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी महीने के दूसरे हफ्ते में करेगा। 

बिल्डर की आजादी से जरूरी बायर्स के आंसू
यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जेल से बाहर आने के लिए उन्हें कुछ निश्चित राशि जमा करनी होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रा की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि 16,300 फ्लैट खरीदारों के आंसू बिल्डर की आजादी की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

उच्चतम न्यायालय ने चंद्रा से कहा था कि अगर उन्होंने खरीददारों को फ्लैट या रिफंड नहीं दिया तो कोर्ट यह काम नीलामी करके खुद करेगा। कोर्ट ने फ्लैट या पैसे की चाहत रखने वालों की लिस्ट भी मांगी थी।

इससे पहले 15 सितंबर को भी चंद्रा बंधुओं की जमानत याचिका खारिज हुई थी। चंद्र और उनके भाई अजय नोएडा और गुरुग्राम में आवासीय योजना के निवेशकों से धोखाधड़ी करने के आरोपी हैं। चंद्रा और उनके भाई अजय को इसी साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था।

 

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