भारत की बेटियों ने अपना वर्चस्व कायम करते हुए एआईबीए युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के अंतिम दिन पांच स्वर्ण पदक जीतकर ऐतिहासिक सफलता दर्ज की. भारत के लिए नीतू (48 किग्रा), ज्योति गुलिया (51 किग्रा), साक्षी चौधरी (54 किग्रा), अंकुशिता बोरो (64 किग्रा) और शशि चोपड़ा (57 किग्रा) ने स्वर्ण जीते.
नीतू ने फाइनल में कजाकिस्तान की झाजिरा उराकबायेवा को 5-0 से हराया. दूसरी ओर, ज्योति ने रूस की एकातेरिना मोलचानोवा को इसी अंतर से पराजित कर अपनी टीम को दूसरा स्वर्ण दिलाया. फाइनल में साक्षी ने इंग्लैंड की इवी जेन स्मिथ को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर पहला स्थान हासिल किया.
शशि ने वियतनाम की नगोक जो होंग को 4-1 से परास्त किया. स्थानीय खिलाड़ी अंकुशिता ने फाइनल में रूस की एकातेरिना डेनिक को 4-1 से हराया. अंकुशिता को टूर्नामेंट का श्रेष्ठ मुक्केबाज चुना गया.
ज्योति ने अगले साल अर्जेंटीना में होने वाली यूथ ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है. भारत को इस चैंपियनशिप में दो रजत भी मिले. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने पदक जीतने वाली प्रत्येक खिलाड़ी को दो-दो लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है.
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