सर्दियों के मौसम में कोहरे के दौरान ट्रेनों की लेट लतीफी से यात्रियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए भारतीय रेलवे ने कई तरह के उपाय किए हैं। बुधवार को दिल्ली के बड़ौदा हाउस में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तर रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने बताया कि 15 दिसंबर के बाद उत्तर भारत में कोहरा शुरू हो जाता है जिसकी वजह से इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में ट्रेनें लेट होती हैं, जिससे यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। रेलवे ने क्रिस के साथ मिलकर यह व्यवस्था की है कि अगर कोई ट्रेन एक घंटे से ज्यादा लेट होती है तो यात्री के पास ट्रेन के देरी से चलने की जानकारी एसएमएस के माध्यम से पहुंच जाएगी। इससे यात्रियों को स्टेशन पर आकर परेशान नहीं होना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे की 1700 से अधिक ट्रेनों में एंटी फॉग डिवाइस भी लगाए हैं। यह डिवाइस एक जीपीएस के जरिये लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में अग्रिम चेतावनी देता है। स्वचालित सिग्नलिंग की जगह मॉडिफाइड स्वचालित सिग्नलिंग होगी। जिससे एक ब्लॉक में केवल दो ट्रेन रहेंगी। इस बार ड्राइवरों को कोहरे की वजह से लेट होने पर आठ घंटे से ज्यादा की डय़ूटी नहीं करनी होगी। उन्हें आठ घंटे के बाद बदल दिया जाएगा।
दिवाली पर हुआ सुधार
उन्होंने बताया कि दिवाली, छठ के समय ट्रेनों के परिचालन में समयानुसार चलने के मामले में 15 फीसद का सुधार हुआ है। पिछले साल 56 फीसद ट्रेनें समयानुसार चली, जबकि इस बार 71 फीसद ट्रेन समयानुसार चलीं। उन्होंने कहा कि इस बार त्योहारी सीजन में 101 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें उत्तर रेलवे की ओर से 69 ट्रेनें चलाई गई थीं।
उत्तर रेलवे की तरफ से इस बार किए गए उपाय
ट्रैक पर डेटोनेटर के लिए फॉगमैन की तैनाती की जा रही है। यह डेटोनेटर ट्रैक पर पहिया चलने पर आवाज उत्पन्न करते हैं
ट्रेन के पीछे एलईडी इंडिकेटर लगाए गए हैं
सिग्नल बोर्ड को पेंट किया जा रहा है
ओएचई को खराब करने वाले पक्षियों के घोंसलों व पतंगों को हटाया जा रहा है।
’कोहरे के दौरान देरी से चलने वाली ट्रेनों में ड्यूटी पर तैनाती के लिए अतिरिक्त कर्मचारी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
रात 11 बजे से 7 बजे तक ट्रैक पैट्रोलिंग बढ़ाई गई है।