आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है कि जहां जाने से इंसान ही डरता हो। मंदिर में जाते हुए आपने कई लोगों को देखा होगा लेकिन एक मंदिर में जाने से डरते हुए किसी को देखा है? आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के जनजातीय भरमौर स्थित चौरासी मंदिर समूह में संसार के इकलौते धर्मराज महाराज या मौत के देवता का मंदिर स्थित है। ऐसा बताया जाता है कि जिंदा रहते हुए कोई भी इंसान यहां आने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। हालांकि, मान्यता है कि धर्मराज महाराज के इस मंदिर में मरने के बाद हर किसी को जाना ही पड़ता है चाहे वह आस्तिक हो या नास्तिक। बता दें कि इस मंदिर में एक खाली कमरा भी है, जिसे चित्रगुप्त का कमरा माना जाता है।
यह है मौत के देवता का मंदिर, जहां जाने में कतराता है हर आदमी
ये तो आपने पढ़ा भी होगा या किसी से सुना भी होगा कि चित्रगुप्त जीवात्मा के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है, तब धर्मराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को पकड़ कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं। चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मों का पूरा लेखा-जोखा देते हैं। इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को धर्मराज की कचहरी कहा जाता है। बता दें कि गरुड़ पुराण में भी यमराज के दरबार में चार दिशाओं में चार द्वार का उल्लेख किया गया है।
यहाँ अगर मंदिर के पुजारी की मानें तो यह मंदिर घनी झाड़ियों से घिरा था। मंदिर के ठीक सामने चित्रगुप्त की कचहरी है। यहां पर आत्मा के उल्टे पांव भी दर्शाए गए हैं। मान्यता है कि अप्राकृतिक मौत होने पर यहां पर पिंड दान किए जाते है। साथ ही परिसर में वैतरणी नदी भी है, जहां पर गौ-दान किया जाता है। इसके अलावा धर्मराज मंदिर के भीतर अढ़ाई सौ साल से अखंड धूना भी लगातार जल रहा है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal