यमुना नदी और जलाशयों में मूर्ति विसर्जन पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने रोक लगा दी है। ऐसा करने वालों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई है। जबकि, सभी संबंधित विभागों को रोकथाम को सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। राजधानी दिल्ली में आमतौर पर गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के समय प्रतिमाओं को यमुना नदी या अन्य जलाशयों में विसर्जित किया जाता रहा है।
हालांकि, पिछले तीन सालों में इस पर कड़ाई से रोक लगाई जाती रही है। इसी क्रम में गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा को करीब देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से एक बार फिर से निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें नदी और जलाशयों में प्रतिमा विसर्जन को प्रतिबंधित करते हुए पचास हजार रुपये का जुर्माना या कैद की सजा की चेतावनी दी गई है।
डीपीसीसी ने शहरी स्थानीय निकायों को मूर्ति विसर्जन के लिए आवासीय क्षेत्रों के निकट कृत्रिम तालाब बनाने के लिए भी कहा है। बोर्ड ने दिल्ली पुलिस को शहर में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां ले जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया है। नगर निकायों से कहा गया है कि वे सभी अंचल कार्यालयों को अवैध मूर्ति निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी करें।