पिछले लगभग दो वर्षों में मोबाइल वॉलेट तथा पेमेंट बैंक जैसे शब्दों का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2015 में 11 कंपनियों को पेमेंट बैंक ऑपरेट करने का लाइसेंस जारी किया था। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला नूवो, पेटीएम, एयरटेल तथा वोडाफोन प्रमुख हैं। ये पेमेंट बैंक्स उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं, जिनके पास बैंक की सेवाएं नहीं है।
यानी ऐसे क्षेत्र जहां बैंकिंग तभी तक नहीं पहुंची है। ऐसी सुविधाएं मोबाइल वॉलेट भी दे रहें हैं। इसलिए पेमेंट बैंक तथा मोबाइल वॉलेट का उपयोग करने से पहले जान लें ये बातें:
मोबाइल बैंक- पेमेंट बैंक दरअसल, मोबाइल फोन आधारित सर्विस हैं। जिसका अर्थ है कि ये सामान्य बैंक ब्रांच जैसे एसबीआई, आईसीआईसीआई या अन्य किसी बैंक की तरह नहीं होंगे। पेमेंट बैंक के अकाउंट होल्डर (खाता धारक) मोबाइल ऐप के जरिए ही इस खाते को ऑपरेट कर सकेंगे।
छोटी बचत, छोटे लोन- पेमेंट बैंक के खाता धारक अपने खाते में अधिकतम एक लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। साथ ही इनके खाता धारक एक लाख रुपए तक का लोन भी ले सकते हैं।
एटीएम तथा डेबिट कार्ड- पेमेंट बैंक्स के यूजर्स को सामान्य बैंकों की तरह ही एटीएम तथा डेबिट कार्ड भी मिलेगा और इसे कैश निकालने के लिए उपयोग किया जा सकेगा।