देश का मिजाज जानने के लिए ‘आजतक’ और इंडिया टुडे ने KARVY इंसाइट लिमिटेड के साथ मिलकर अब तक का सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है. देश के 19 राज्यों- आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 12 जुलाई से 23 जुलाई के बीच यह सर्वे किया गया.मूड ऑफ द नेशन नाम से किए गए इस सर्वे में इन राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत पड़ने वाले 194 विधानसभा क्षेत्र में कुल 12,178 लोगों की राय पूछी गई, जिनमें 68% लोग ग्रामीण और 32% लोग शहरी इलाकों में रहने वाले थे.
इस सर्वे के मुताबिक अभी चुनाव हुए तो एनडीए को 349 सीटें और यूपीए को 75 और अन्य को 119 सीटें मिल सकती हैं. सर्वे के मुताबिक छह महीने पहले हुए सर्वे के मुकाबले एनडीए को 11 सीटें कम मिल रही हैं. मोदी सरकार अपने तीसरे साल में भी अगर 300 से ज्यादा सीटें बनाए रखती है तो इसे एक जबर्दस्त उपलब्धि ही कहा जाएगा. अगर वोट फीसदी की बात की जाए तो सर्वे में एनडीए को 42 फीसदी और यूपीए को 28 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है.
अगर इससे हटकर अलग पार्टी के हिसाब से सीटों पर नजर डालें तो बीजेपी को 298 सीटें, कांग्रेस को 47 और अन्य को 198 सीटों पर कामयाबी मिल सकती हैं.
पिछले कुछ सर्वे में कुछ इस तरह बदला सीटों का मिजाज.
सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. अगस्त 2014 में हुए सर्वे में इंदिरा गांधी लोकप्रियता के मामले में पीएम मोदी से 12 फीसदी आगे थीं, लेकिन इस बार के सर्वे में पीएम मोदी लोकप्रियता के मामले में इंदिरा गांधी से 16 फीसदी आगे हैं.
वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहे, सुषमा स्वराज लोगों की तीसरी पंसद के तौर उभरी हैं.
कांग्रेस के सबसे संभावित प्रधानमंत्री कैंडिडेट केमामले में राहुल गांधी 25 फीसदी वोटों के साथ सबसे आगे हैं, लेकिन पिछले सर्वे के मुकाबले इसमें 5 फीसदी की कमी आई है. सर्वे में वित्त मंत्री अरुण जेटली को 28 फीसदी लोगों ने पसंद किया.
सर्वे के तहत लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को लेकर सवाल पूछा गया. इसके जवाब में 63 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के काम को शानदार बताया, जबकि 23 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के काम को औसत बताया.
इसके अलावा लोगों ने कहा कि जनवरी 2017 में पीएम मोदी के कामकाज के प्रदर्शन में छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. खास बात यह है कि पीएम मोदी के कामकाज को शानदार बताने के मामले में गांव के मुकाबले शहर के लोगों की संख्या ज्यादा दर्ज की गई.
क्या कश्मीर मुद्दे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की पॉलिसी सही दिशा में है? देश इस बारे में क्या सोच रहा है? इंडिया टुडे ग्रुप के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में हमने इस सवाल को भी देश के सामने रखा. 42 फीसदी लोगों का मानना है कि एनडीए सरकार ने जम्मू-कश्मीर के हालात को बेहतर तरीके से संभाला है. 21 फीसदी लोग मानते हैं कि अब भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं, पहले के ही जैसे हैं.18 फीसदी लोग मानते हैं कि हालात और बिगड़ गए हैं.