गोरखपुर। जमीनों के लिहाज से गोरखपुर शहर पहले ही काफी महंगा था लेकिन अब महंगाई का और तगड़ा तड़का लगा है। जी हां, अब गोरखपुर में किसी भी दिशा में जमीन खरीदना सभी के लिए आसान नहीं रहा। और इसके लिए जिम्मेदार है भाजपा सांसद महंत योगी आदित्यनाथ के प्रयास और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट के फैसले। अब एम्स की स्थापना, फर्टिलाइजर से अलग इलाके में होने के कारण गोरखपुर में जमीन के रेट पर खासा प्रभाव पड़ा है। एम्स की स्थापना गोरखपुर-कुशीनगर मार्ग पर प्रस्तावित होने के कारण तीन प्रमुख मार्गों पर जमीनों के रेट में तेजी से उछाल आया है।
योगी आदित्यनाथ की वजह से बढ़ी जमीन की कीमतें
आगामी 22 जुलाई को देश के पीएम नरेंद्र मोदी बरगदवां क्षेत्र के नये फर्टिलाइजर कारखाने को चालू करेंगे। इसी अवसर पर गोरखपुर में एम्स की स्थापना की नींव भी रखी जाएगी जिसे गोरखपुर-कुशीनगर मार्ग पर स्थित गन्ना शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में स्थापित होना है। इससे पहले एम्स की स्थापना फर्टिलाइजर कारखाना परिसर में ही प्रस्तावित थी जिसके कारण गोरखपुर-सोनौली और गोरखपुर-महराजगंज मार्ग पर जमीनों के रेट काफी चढ़ गए थे। मोदी-योगी के नये फैसले ने अब सबकुछ बदल दिया है। फर्टिलाइजर कारखाना चालू होने के कारण इन दोनों मार्गों पर जमीनों की कीमतों में कमी तो नहीं आई, लेकिन एम्स की जगह बदलने के कारण गोरखपुर-देवरिया, गोरखपुर-कुशीनगर, गोरखपुर-पिपराईच और गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर जमीनों के दाम चढ़ने लगे हैं।
शानदार चयन
अगर यूपी गन्ना शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में एम्स की स्थापना होती है तो इसे अब तक का सबसे शानदार चयन माना जा रहा है। हांलाकि इसे मुकम्मल करने के लिए नंदानगर ओवरब्रिज पर पुल बनाना पड़ेगा। गन्ना शोध संस्थान एयरपोर्ट से महज 3 किलोमीटर के भीतर है। इस जगह पर देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, महराजगंज और आजमगढ़ तक के मरीज आसानी से पहुंच सकेंगे क्योंकि चारो तरफ से यहां शहर के बाहर से ही रोड कनेक्टिविटी की बेहतरीन सुविधा है।
ऐसे चढ़े जमीन के रेट
गोरखपुर महराजगंज मार्ग पर जमीनों के रेट 1200-2600 रुपये प्रति स्क्वायर फीट, पिपराईच गोरखपुर मार्ग पर 1000 से लेकर 2800 रुपये प्रति स्क्वायर फीट, गोरखपुर-कुशीनगर मार्ग पर अधिकतम 3000 रुपये प्रति स्क्वायर फीट, गोरखपुर देवरिया मार्ग पर भी 2800 रुपये स्क्वायर फीट तक जमीन के रेट जा चुके हैं। हांलाकि सड़क से हटकर ज्यादा भीतर जाने पर जमीन के रेट थोड़े कम हैं लेकिन अब ये रेट भी 22 जुलाई के बाद चढ़ने के काफी आसार हैं। केन्द्र सरकार के इन दो अहम फैसलों से पहले इन मार्गों पर जमीन के अधिकतम रेट 1000-1800 रुपये प्रति स्क्वायर फीट तक ही थे।