कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार के बाद अब भाजपा अपने संगठन में बदलाव करने जा रही है। इसी महीने होने वाले सांगठनिक बदलाव के तहत महिलाओं और दलित सदस्यों को आला नेतृत्व में जगह दी जाएगी। इसके तहत आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी नजर रहेंगी। अनुराग ठाकुर के बीसीसीआर्इ अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा को भी नया अध्यक्ष मिलेगा। पिछले तीन कार्यकाल से अनुराग ठाकुर ही यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इस पद की दौड़ में मुंबर्इ से सांसद पूनम महाजन और सहारनपुर से सांसद राघव लखनपाल का नाम है। ठाकुर को पार्टी में कोई और पद दिया जा सकता है।
भाजपा के संगठन से जुड़े एक नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अफ्रीका दौरे से लौटने के बाद 11 जुलाई को इस बारे में नए सिरे से विचार विमर्श होगा। इसके बाद संगठन में बदलाव किया जाएगा। भाजपा नेताओं का कहना है जिस तरह से इस सप्ताह कैबिनेट में फेरबदल के दौरान कई आश्चर्यजनक बातें हुई ऐसा ही संगठन में भी हो सकता है। कमजोर प्रदर्शन करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा तो ऊंचा उड़ रहे नेताओं को जमीन पर लाया जाएगा।
अमित शाह की वर्तमान टीम में कोई दलित सदस्य नहीं है। साथ ही आदिवासी चेहरों की संख्या भी काफी कम है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी पर्याप्त नहीं है। फेरबदल के तहत सात महासचिवों और 10 उपाध्यक्षों में से ऐसे चेहरों को बाहर किया जाएगा जिनकी राष्ट्रीय पहचान नहीं है। वर्तमान में सात में से पांच महासचिव ऐसे हैं जिन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा है। वहीं 10 उपाध्यक्षों में से पांच ऐसे हैं जो राज्य सभा से हैं और उनका चुनाव से कोई नाता नहीं है।
शाह जनवरी में फिर से भाजपा के अध्यक्ष चुने गए थे। उनकी नई टीम में झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम आर अशोक, पूर्व पंजाब भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा, उत्तराखंड के नेता धन सिंह रावत और हाल ही में एचआरडी राज्यमंत्री के पद से हटाए गए रामशंकर कठेरिया को शामिल किया जा सकता है। वहीं बीएस येदियुरप्पा को राष्ट्रीय जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। उनके पास कर्नाटक भाजपा का काम भी है।