एक ऐसी खबर जो मोदी सरकार के लिए संकटों में डाल सकती है. मोदी सरकार वैसे तो डोकलम विवाद को लेकर बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रही है और दिखाने की कोशिश की वो चीन से डरने वाला नही है और उसका मुंहतोड़ जवाब देगी. मोदी सरकार का ये दावा उस वक्त ढकोसला साबित हो गया जब कैग ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारतीय सेना के पास सिर्फ 10 दिन का ही गोला है और चीन से युद्ध के लिए पर्याप्त मात्रा में गोला बारूद नही है.
आपको बता दें कि ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब चीन और भारत के बीच तनातनी देखने को मिल रही है. भूटान को लेकर छिड़े इस विवाद में भारत और चीन आमने-सामने हैं और दोनों देशों की सेना डोकलम में तम्बू गाड़े बैठे हुई है.
जरा आप सोच कर देखिये कि कई देशों की यात्रा कर चुके मोदी ने चीन को लेकर काफी बड़ी बड़ी धमकी दे डाली है लेकिन जो रिपोर्ट आई उससे तो यही पता चलता है कि अगर आज चीन से युद्ध हो जाये तो भारत के पास सिर्फ 10 दिन का ही गोला है उसके बाद हालत कुछ और होगी. सेना की रणनीति के हिसाब से युद्ध के समय कम से कम 40 दिन के लिए गोला बारूद रिजर्व रूप में होना चाहिए. फ़िलहाल अभी युद्ध होगा या नही ये तो दूर की बात है लेकिन सवाल उठता है कि आखिर देश को शिखर पर ले जाने की बात करने वाले मोदी ने इस क्षेत्र में क्यों नही सही रणनीति बनाई और पहले से ही उचित तैयारी की?
वैसे तो दूसरे देशों में जाकर कांग्रेस और देश की खामियों पर बात करने वाले मोदी सीमा सुरक्षा और सेना के लिए गोला बारूद वाले सवाल पर अभी चुप हैं. देश के सामने एक बड़ा सवाल है कि एक तरफ पाकिस्तान की नापाक हरकतों से हमारे सेना के जवान शहीद हो रहे हैं और दूसरी तरफ चीन हमें आँखे दिखा रहा है, ऐसे में कैग की इस रिपोर्ट का आना सेना और देश का मनोबल गिराता है. बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा से जब इस रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ साफ कहा कि “ऐसे समय में इस रिपोर्ट का आना बेहद चिंताजनक है क्योंकि चीन सीमा पर आंखे दिखा रहा है और इस रिपोर्ट से मनोबल गिर सकता है.”हम आपको बता दें कि सेना से जुडी एक और खबर है जो सरकार को कटघरे में खड़ा करती है वो ये कि सीबीआई ने धनुष तोपों के निर्माण, जो कि स्वदेशी बोफोर्स तोप कही जाती हैं उसके नाम पर हो रहीं बड़े स्तर की गड़बड़ी पर बड़ा खुलासा किया है. आपको बता दें की सीबीआई ने रिपोर्ट में बताया ही कि बोफोर्स तोपों को बनाने के लिए जिन पुर्जों का इस्तेमाल हो रहा है उसको मेड इन जर्मनी बताया जा रहा है जबकि वो सारे पुर्जे चीन में बने हैं. इसको लेकर CBI ने दिल्ली आधारित एक कंपनी के खिलाफ FIR भी दर्ज की है.