नई दिल्ली. केंद्रीय सूचना आयोग ने विदेश मंत्रालय को साल 2013-2017 के बीच प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के दौरान इस्तेमाल किए गए एअर इंडिया के चार्टर्ड विमान पर आए खर्च से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है. मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने मंत्रालय की इस दलील को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के लिए भारतीय वायुसेना और एअर इंडिया द्वारा किये गए बिल की राशि, संदर्भ संख्या और बिल की तारीख से जुड़े विवरण से संबधित दस्तावेज एक स्थान पर संकलित नहीं हैं और आवेदक द्वारा मांगी गयी सूचना को एकत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों को लगाना पड़ेगा.
हाल में पीएम की विदेश यात्रा तब चर्चा में आई थी जब पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इसे लेकर भारत को बिल भेज दिया था. पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस्तेमाल किए गए भारतीय वायुसेना के विमान के ‘रूट नैविगेशन’ शुल्क के रूप में भारत को 2.86 लाख रुपये का बिल भेजा था. यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर आवेदन के जवाब में दी गई.
यह शुल्क प्रधानमंत्री के विमान के लाहौर में ठहराव और रूस, अफगानिस्तान, ईरान तथा कतर यात्राओं के सिलिसले में भेजा गया. कार्यकर्ता एवं अवकाशप्राप्त कमोडोर लोकेश बत्रा ने आरटीआई आवेदन दायर कर जानकारी मांगी थी. इसमें कहा गया है कि जून 2016 तक भारतीय वायुसेना के विमान का इस्तेमाल प्रधानमंत्री की 11 देशों-नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, कतर, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, रूस, ईरान, फिजी और सिंगापुर यात्राओं के लिए किया गया.