पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राज्य में साम्प्रदायिक संघर्ष पैदा करने का शनिवार को आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दक्षिण 24 परगना जिले के रैदिघी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुस्लिमों से हैदराबाद की भाजपा के समर्थन वाली पार्टी और उसकी बंगाल की सहयोगी पार्टियों के जाल में न फंसने का भी आह्वान किया, जो मतों का ध्रुवीकरण करने आई हैं।
उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम और अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ पर निशाना साधते हुए यह टिप्पणी की। ओवैसी और सिद्दीकी दोनों ने पहले टीएमसी के आरोपों को खारिज कर दिया था। आईएसएफ माकपा और कांग्रेस के गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है।
टीएमसी प्रमुख ने हिंदुओं से भाजपा की ‘साम्प्रदायिक झड़पों के लिए उकसाने’ की कोशिशों के खिलाफ खड़ा होने का भी अनुरोध किया और उनसे उनके इलाकों में परेशानी पैदा करने के लिए भेजे गए बाहरी लोगों को खदेड़ने का भी आह्वान किया। ममता ने अपनी हिंदू पहचान पर जोर देते हुए कहा, ‘मैं एक हिंदू हूं जो हर दिन घर से निकलने से पहले चंडी मंत्र का जाप करती है। लेकिन मैं हर धर्म को सम्मान देने की अपनी परंपरा में विश्वास रखती हूं।’
दलितों के घर में भोजन खाने पर भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं एक ब्राह्मण महिला हूं लेकिन मेरी करीबी सहयोगी एक अनुसूचित जाति की महिला है जो मेरी हर जरूरत का ध्यान रखती है। वह मेरे लिए भोजन भी पकाती है।’ बनर्जी ने कहा, ‘मुझे इसका प्रचार करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जो दलित के आंगन में खाना खाने के लिए पांच सितारा होटल से भोजन मंगवा कर खा रहे हैं वे दलित विरोधी, पिछड़ा वर्ग विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी हैं।’