मेरठ। गंगानगर एक्सटेंशन के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन को खाली कराने गई एमडीए टीम और पुलिस को किसानों का विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है, इसलिए वे जमीन तभी देंगे जब भुगतान हो जाएगा। किसान जेसीबी मशीन के आगे लेट गए। पुलिस ने लाठीचार्ज करके उन्हें खदेड़ा। 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
हालांकि बाद में एसीएम कोर्ट से उन्हें जमानत दे दी गई। शाम पांच बजे तक आइआइएमटी कॉलेज को आवंटित 25 एकड़ जमीन पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया। वहां खड़ी फसल को नष्ट कर नलकूप ध्वस्त कर दिए गए। गंगानगर एक्सटेंशन के लिए एमडीए ने 246 एकड़ भूमि का अधिग्र्रहण 1990 में किया था, लेकिन किसानों ने मुआवजा की दर को अनुचित बताते हुए न तो मुआवजा लिया था और न ही एमडीए को जमीन पर कब्जा दिया था। तभी से कब्जा लेने और कब्जा न छोडऩे का विवाद चल रहा था। शनिवार को एमडीए की टीम अर्जन प्रभारी मनोज कुमार तथा एसीएम गुलशन कुमार के नेतृत्व में 12 थानों की पुलिस फोर्स तथा पीएसी के साथ गंगानगर में आइआइएमटी कालेज से सटी जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंच गई।
दूसरी ओर महिला पुरुष किसान भी रालोद नेता राममेहर के नेतृत्व में सामने आ डटे। जबरन कब्जा लेने का प्रयास किया गया तो महिलाएं भी एमडीए की जेसीबी के आगे लेट गईं, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें हटाया। भारी विरोध के चलते पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिससे वहां भगदड़ मच गई। विरोध कर रही चार महिलाओं समेत कुल दस लोगों को हिरासत में ले लिया गया। देर शाम तक टीम ने आइआइएमटी कालेज से सटी 25 एकड़ जमीन पर कब्जा प्राप्त कर लिया। वहां हाथोंहाथ चारदीवारी का निर्माण भी शुरू करा दिया गया। यह 25 एकड़ जमीन एमडीए 2008 में आइआइएमटी कॉलेज को आवंटित कर चुका है। एमडीए और प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि एक्सटेंशन की पूरी 204 एकड़ जमीन खाली कराई जाएगी। अभियान रविवार को भी जारी रहेगा।