नई दिल्ली: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक सत्र अदालतों द्वारा मृत्युदंड देने के मामलों में हालांकि साल 2017 में 27 फीसदी की गिरावट आई है, लेकिन यौन हिंसा से जुड़े हत्या के मामलों में अपराधियों को मौत की सजा सुनाने के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है.एनएलयू ने पुराने मानकों को देखकर बताया- मृत्युदंड देने के मामलों में साल 2017 में आई 27 फीसदी कमी

इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘भारत में मृत्यु दंड’ है. इसके 2017 के सालाना आंकड़े में कहा गया है कि साल 2016 में जहां 149 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई वहीं, 2017 में सिर्फ 109 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई. इसमें बताया गया है कि पिछले साल सत्र अदालतों ने जिन 109 मामलों में मौत की सजा सुनाई थी उसमें से 53 मामलों में सजा बदल दी गई बल्कि 35 लोगों को रिहा कर दिया गया.

हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि यौन हिंसा से जुड़ी हत्या के मामलों में साल 2017 में मौत की सजा सुनाए जाने की संख्या में वृद्धि हुई है. इस साल 19 दोषियों को इस मामले में सजा सुनाई गई जो कि पिछले साल के आंकड़ों से अधिक थी.