बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तरप्रदेश के देवरिया में नारी संरक्षण गृहों में देह व्यापार के मामले सामने आने के बाद सरकार ने प्रदेश में सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्र में संचालित हो रहे सभी नारी निकेतन, शिशु निकेतन, अनाथालयों एवं बाल व बालिका संरक्षण केंद्रों का सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है।
सोशल ऑडिट के लिए एक समिति गठित होगी। समिति में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, चिकित्सक, समाज सेवक और मूक बधिर भाषा के जानकारों को शामिल किया जाएगा। समिति प्रदेश में सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्र में संचालित हो रहे सभी संरक्षण केंद्रों का सोशल ऑडिट करेगी। महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने मंगलवार को महिला सुरक्षा के संबंध में बुलाई एक बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को ये निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार उस संस्था से भी संपर्क कर रही है, जिसने बिहार में सोशल ऑडिट किया है। बिहार में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के सोशल ऑडिट रिपोर्ट से ही संरक्षण गृह में हो रहे व्याभिचारों का खुलासा हुआ है। मंत्री के मुताबिक, यदि उस संस्था से संपर्क नहीं हुआ तो किसी और बेहतर संस्था के जरिये हर साल संरक्षण गृहों का सोशल ऑडिट कराया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर सरकार संरक्षण केंद्रों में व्याप्त कमियों को दूर करेगी और उसके बाद जो आवश्यक होंगे, वो कदम उठाए जाएंगे।