- मुख्यमंत्री ने चन्दन का पौधा रोपित किया
- पर्यावरण है तो प्रकृति है, प्रकृति है तो जीव सृष्टि भी है: मुख्यमंत्री
- हम सब तभी तक सुरक्षित है, जब तक हमारा पर्यावरण सुरक्षित है
- हमें प्रकृति और पर्यावरण के बीच में समन्वय
- बनाकर रखना होगा, यह हमारा नैतिक दायित्व भी है
- प्रधानमंत्री जी ने अधिक से अधिक वृक्षारोपण अभियान के लिए पे्ररित किया
- जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करना और
- उसका पर्यावरण के लिए उपयोग करना आज की आवश्यकता
- प्रधानमंत्री जी ने ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम को पूरे देश में संचालित किया
- प्रदेश सरकार ने विगत वर्षाें के दौरान पर्यावरण को संरक्षित
- करने के उद्देश्य से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर रही है
- वर्ष 2020 में कोरोना कालखण्ड में भी 25 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए गये
- इस वर्ष आगामी जुलाई माह मेें वन महोत्सव के दौरान प्रदेश
- सरकार द्वारा 30 करोड़ पौधों को रोपित करने का लक्ष्य
- वृक्षारोपण कार्यक्रम में परम्परागत वृक्षों जैसे पीपल, बरगद, पाकड़,
- देशी आम व अन्य औषधीय वृक्षों को महत्व देने की आवश्यकता
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पर्यावरण है तो प्रकृति है, प्रकृति है तो जीव सृष्टि भी है। इसलिए जीव सृष्टि की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि सभी लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो। उन्होंने कहा कि हम सब तभी तक सुरक्षित है, जब तक हमारा पर्यावरण सुरक्षित है। हमें प्रकृति और पर्यावरण के बीच में समन्वय बनाकर रखना होगा, यह हमारा नैतिक दायित्व भी है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने चन्दन का पौधा रोपित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अधिक से अधिक वृक्षारोपण अभियान के लिए पे्ररित किया है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करना और उसका पर्यावरण के लिए उपयोग करना आज की आवश्यकता है। इसीलिए प्रधानमंत्री जी ने ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम को पूरे देश में संचालित किया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे देश में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्लास्टिक को प्रतिबन्धित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार विगत वर्षाें के दौरान पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर रही है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017 में 05 करोड़, वर्ष 2018 में 11 करोड़ तथा वर्ष 2019 में 22 करोड़ वृक्ष रोपित किये गये। इसी प्रकार वर्ष 2020 में कोरोना कालखण्ड में भी 25 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए गये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आगामी जुलाई माह मेें वन महोत्सव के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा 30 करोड़ पौधों को रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में परम्परागत वृक्षों जैसे पीपल, बरगद, पाकड़, देशी आम व अन्य औषधीय वृक्षों को महत्व देने की आवश्यकता है। यह वृक्ष प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण में योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा वन विभाग को एक लक्ष्य दिया गया था कि जिसके क्रम में 100 वर्ष से अधिक आयु के जितने भी पेड़ है, उन्हें हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित करने का महा अभियान चलाया जा रहा है।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री दारा सिंह चैहान, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि है वित्तीय वर्ष 2021-22 में 30 करोड़ पौधों को रोपित करने के लक्ष्य के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 12 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 10 करोड़ 56 लाख, कृषि विभाग द्वारा 02 करोड़ 01 लाख 60 हजार, उद्यान विभाग द्वारा 01 करोड़ 32 लाख 96 हजार, राजस्व तथा पंचायतीराज विभाग द्वारा 01 करोड़ 20 लाख, नगर विकास विभाग द्वारा 30 लाख, रेल विभाग द्वारा 19 लाख 20 हजार तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 18 लाख पौधों को रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी प्रकार, रेशम विभाग द्वारा 14 लाख 64 हजार, लोक निर्माण, जल शक्ति तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा 09 लाख 60 हजार, उद्योग विभाग द्वारा 07 लाख 20 हजार, पशुपालन, आवास विकास, गृह एवं रक्षा विभाग द्वारा 06 लाख, प्राविधिक शिक्षा, सहकारिता तथा विद्युत विभाग द्वारा 04 लाख 80 हजार, औद्योगिक विकास द्वारा 03 लाख 60 हजार, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, श्रम एवं परिवहन विभाग द्वारा 02 लाख 40 हजार पौधों को लगाए जाने का लक्ष्य है।