मुंबई: मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है, जिसने 100 से भी ज़्यादा ए लिस्टेड सेलिब्रिटीज़ को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह में एक नाबालिग भी शामिल है. साइबर सेल की डीसीपी रश्मि करंडिकर ने बताया कि इन लोगों के अबतक 285 लोगों को अपना शिकार बनाया है. अब इनके मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रोनिक गैजेट की जांच चल रही है. पुलिस ने इन आरोपियों को महाराष्ट्र के नागपुर, उत्तर प्रदेश, ओड़िसा और गुजरात से गिरफ़्तार किया है.
कैसे बनाते थे निशाना?
करंडिकर ने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लड़कियों के रूप में फर्जी अकाउंट बनाते थे और पुरुषों को लुभाते थे, जिनमें से ज्यादातर हाई-प्रोफाइल और अमीर लोग थे. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने 12 फर्जी अकाउंट और छह फर्जी ईमेल आईडी बनाए थीं, जिसका इस्तेमाल कर लोगों से दोस्ती की जाती थी.
आरोपियों ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि उन्होंने लोगों का विश्वास जीतने के लिए 6-6 महीने तक भी दोस्ती कर रखी थी और एक बार विश्वास जीतने के बाद वे वीडीओ कॉल करते थे और फिर कपड़े निकालने को बोला जाता था. जिसके बाद वह टार्गेट ने कपड़े निकलवाकर उसका स्क्रीनशॉट ले लेते थे और फिर ब्लैक मेलिंग का काम शुरू हो जाता था.
इन आरोपियों ने 100 से ज़्यादा ए लिस्टेड सेलिब्रिटीज़ को अपना निशाना बनाया है, जिसमें बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता का नाम भी शामिल है. इसके अलावा इस गिरोह ने महिला और पुरुष मॉडल को भी अपना निशाना बनाया है. ये गिरोह ज़्यादातर इंस्टाग्राम पर एक्टिव है, जहां पर ये लोग टार्गेट को लुभाने का काम करते थे.
वीडियो भी बेचा करते थे!
जांच के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ये लोग पहले उन वीडियो के आधार पर टार्गेट को ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते थे और फिर ये लोग ट्विटर पर डीएम के माध्यम से उन वीडियो को बेचा भी करते थे. पुलिस ने बताया कि ये लोग उन वीडियो के ग्रैब को ट्विटर पर पोस्ट करते थे. इसके बाद जिस किसी को उन वीडियो को देखना होता था, वो उन्हें डिरेक्ट मैसेज करते थे और फिर ये लोग हर वीडियो देखने का चार्जेस लिया करते थे.
सेक्सटॉरशन का नेपाल कनेक्शन
जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने पैसे के लेन-देन के लिए नेपाल स्थित बैंक के एक खाते का इस्तेमाल किया है. जांच एजेंसियों के रेडार से बचने के लिए ये लोग ब्लैकमेल कर मिले पैसों को छिपाने के लिए नेपाल के बैंक का सहारा लेते थे. उन्हें पता है कि अगर पुलिस को पता चला और बैंक अकाउंट भारत का हुआ तो अकाउंट फ्रिज हो जाएगा और पैसे नहीं मिलेंगे. इस वजह से इन लोगों ने भारत के अकाउंट के अलावा एक नेपाल के बैंक अकाउंट का भी सहारा लिया, जिसके ये सारे पैसे जमा कराया करते थे. पुलिस ने अब नेपाल प्रशासन को इस बारे में बताया है ताकि उस बैंक के अकाउंट की डिटेल मिल सके.