भोपाल.कल्याणकारी योजनाओं के तहत बांटे जाने वाले गेहूं-चावल को बाजार में बेचे जाने के गोरखधंधे की परतें खुलती जा रही हैं। नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग, मंडी सचिव, मंडी के व्यापारी और ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से सरकारी अनाज की खरीद-फरोख्त बेेरोकटोक हो रही थी। आलम यह है कि कागजों में दो ऐसी संस्थाओं को भी अनाज की सप्लाई दर्शा दी गई, जो अापूर्ति निगम से अनाज लेती ही नहीं हैं। ऐसे में जांच अधिकारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्टर ने ही दोनों संस्थाओं के नाम से खुद डीडी बनाया और वेयरहाउस से डिलीवरी लेकर बाजार में बेच दिया। इसी आधार पर ट्रांसपोर्टर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है।
– अरेरा कॉलोनी स्थित जिन आशा निकेतन बधिर विद्यालय को 115 क्विंटल गेहूं और मरियम स्कूल ऑफ मेंटली हैंडीकैप्ड को 117 क्विंटल गेहूं सप्लाई किया गया, वे आपूर्ति निगम से न तो गेहूं लेती हैं और न चावल। फिर भी इनके नाम से सरकारी वेयर हाउस से गेहूं की सप्लाई होना दिखाई गई। साथ ही नागरिक आपूर्ति निगम के यहां पर दोनों संस्थाओं के नाम की डीडी के जरिए राशि जमा होना बताया गया है।
खुला मिला चावल
– बुधवार को एमएस ट्रेडर्स के यहां जांच के दौरान 98 बोरियों को खोलकर चावल को बदलने का मामला सामने आया है। अफसरों का मानना है कि यह चावल संभवत: पीडीएस के लिए सप्लाई होना था। इसकी जांच के लिए आपूर्ति निगम को भेजा गया है। यह गोदाम अयाज अली का है। मंगलवार देर रात सील किए गए जेडीएम ट्रेडर्स की गुरुवार को जांच होगी।
पुलिस ने मंडी सचिव से मांगे 100 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज
– मदरसों व दिव्यांगों की संस्थाओं को आवंटित गेहूं व्यापारियों के यहां मिलने के बाद खाद्य विभाग ने तीन व्यापारियों सहित पांच लोगों पर निशातपुरा थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। हालांकि इनमें कोई अफसर शामिल नहीं है। फिलहाल पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
– पुलिस ने शिकायत के आधार पर विक्की ट्रेडर्स के संचालक अयाज अली, सिमरन फूड के संचालक रवि आहूजा, अमन इंटरप्राइजेज के संचालक अरविंद साहू, जामिया इस्लामिया अरेबिया मदरसे के सचिव मजीद खान और खालिद ट्रांसपोर्ट सर्विस के खालिद खान के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। बुधवार को पुलिस ने मंडी सचिव विनय पटेरिया से मंडी में लगे करीब 100 कैमरों के फुटेज मांगे हैं।
किसकी, क्या जिम्मेदारी…. और क्या रही लापरवाही
विनय कुमार पटेरिया, मंडी सचिव
जिम्मेदारी : मंडी आने वाली हर गाड़ी की जांच के बाद प्रवेश देना। गेटपास की जांच। सीसीटीवी फुटेज की जांच।
लापरवाही: न तो गाड़ियों की जांच कराई, न ही मंडी में मौजूद गोदामों में क्या माल रखा है, इसके बारे में कभी पूछताछ की।
पीके तिवारी, जिला प्रबंधक, आपूर्ति निगम
जिम्मेदारी : खुद के दफ्तर के व्यक्ति को भेजकर ट्रांसपोर्टर को वेयरहाउस से माल रिलीज कराना।
लापरवाही: जिस संस्था को अनाज जाना है, उससे कभी बात नहीं की। नतीजा बड़े स्तर पर सरकारी अनाज की बिक्री होती रही।
ज्योति शाह नरवरिया, जिला आपूर्ति अधिकारी
जिम्मेदारी :किस संस्था के लिए कहां, कितना अनाज पहुंचाना है, इसकी जिम्मेदारी इन्हीं की थी।
लापरवाही:पीडीएस की 38 दुकानों में गड़बड़ी और गेहूं में मिट्टी मिलाने के बाद अब इस मामले में भी जांच शुरू करने में देरी की।
खालिद खान, ट्रांसपोर्टर
जिम्मेदारी :पांच साल पहले आपूर्ति निगम में सरकारी अनाज की सप्लाई का ठेका लिया।
आरोप: संस्थाओं के नाम के फर्जी डीडी बनवाकर अापूर्ति निगम से अनाज की डिलीवरी ली और मार्केट में बेच दिया।
मंडी कर्मचारियों ने भी नहीं निभाई अपनी जिम्मेदारी
– प्रशासन की रिपोर्ट में बताया गया है कि मंडी समिति के गेट पर इंद्रमणि द्विवेदी और विनोद भार्गव ने प्रवेश पर्ची जारी करते समय यह नहीं देखा कि ट्रकों से आने वाला गेहूं सरकारी सप्लाई वाला है या निजी उपयोग का। ऐसे में इनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
गलती: न तो इन्होंने यहां आने वाली गाड़ियों की जांच कराई और न ही मंडी में मौजूद गोदामों में क्या माल है, इसके बारे में कभी पूछताछ की।