माले: मालदीव की संसद ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की सिफारिशों को मंजूर करते हुए मंगलवार को देश में आपातकाल की अवधि 30 दिन और बढ़ा दी. मालदीव की इंडिपेन्डेन्ट समाचार वेबसाइट की खबर में बताया गया है कि मतदान के लिए केवल 38 सांसद उपस्थित थे. आपातकाल की अवधि समाप्त होने से पहले ही मतदान हुआ. संविधान के मुताबिक, मतदान के लिए 43 सांसदों की जरूरत होने के बावजूद केवल 38 सांसदों ने मतदान कर दिया. वहीं विपक्ष ने मतदान का बहिष्कार किया.
वेबसाइट के अनुसार, सभी 38 सांसद सत्ताधारी दल के थे और उन्होंने आपातकाल की अवधि बढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी. अब देश में आपातकाल 22 मार्च को समाप्त होगा. विपक्षी सांसद इब्राहिम मोहम्मद सोलीह ने कहा ‘‘ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें लोगों के लिए आपातकाल की अवधि बढ़ाने का अनुपालन जरूरी हो. हम लोगों से बात कर रहे हैं. इससे अलग संविधान का उल्लंघन और कुछ नहीं हो सकता.’’
एक अन्य विपक्षी सांसद इवा अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि स्पीकर ने संविधान की अनदेखी की. उन्होंने कहा कि आपातकाल अवैध है. मालदीव डेमोक्रेसी नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक शाहिंधा इस्माइल ने कहा कि सत्तारूढ़ दल ने देश में प्रशासन की सभी लोकतांत्रिक एवं कानूनी प्रणालियों को कारगर तरीके से तथा पूरी तरह हटा दिया है.
राष्ट्रपति यमीन ने पांच फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विपक्षी नेताओं के एक समूह की रिहाई का आदेश दिए जाने के बाद आपातकाल की घोषणा की थी. जिन विपक्षी नेताओं की रिहाई का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था उनके खिलाफ मुकदमा की व्यापक आलोचना हुई थी. सुनवाई के बाद इन नेताओं को दोषी ठहराया गया था. इन नेताओं में निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन नेताओं के खिलाफ साल 2015 में हुई सुनवाई असंवैधानिक थी.
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