महागठबंधन में एक के बाद एक सियासी बवाल मचा हुआ है. जहां एक ओर आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोटे दलों को नसीहत देते हुए कहा था कि सीटों की सौदेबाजी न करें. वहीं, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर विधानसभा में हमारे 70 विधायक होते हैं तो सीएम हमारे समाज का होगा. इस बयान से उन्होंने इशारों में ही सीएम पद की दावेदारी कर दी है. वहीं, अब तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद को लेकर भी मांझी ने सवाल खड़ा कर दिया है.
लोकसभा चुनाव के बीच जीतन राम मांझी अभी से ही विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी की हवा बनाना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि मांझी को लोकसभा चुनाव में एक सीट दिया जा सकता है. लेकिन अब उन्होंने अभी से ही विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी की हवा भी बनाने लगे हैं. वहीं, अब उन्होंने कहा है कि विधानसभा में हमारे 70 विधायक होते हैं तो सीएम हमारे समाज का होगा. ऐसे में साफ है कि जीतन राम मांझी ने सीएम पद की दावेदारी भी कर दी है.
जीतन राम मांझी के लगातार आ रहे बयानों से लग रहा है कि वह महागठबंधन के फॉर्मूले और अन्य दलों के नेताओं से नाराज हो गए हैं. इसलिए जहां वह महागठबंधन को एक जुट करने की बात करते हैं. लेकिन इससे अलग वह लगातार गठबंधन से अलग बयान दे रहे हैं. उन्होंने अनंत सिंह को लेकर भी बयान दिया था कि वह अपनी पार्टी में उनका स्वागत करते हैं. जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने साफ कहा था कि उनकी एंट्री नहीं हो सकती है.
दरअसल, जीतन राम मांझी अपने दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर रहे थे. जीतन राम मांझी ने कहा कि आज की तारीख में भी लोग नहीं चाहते कि दलित समाज का व्यक्ति सीएम बने. वहीं, जब जीतन राम मांझी से पूछा गया कि क्या वो तेजस्वी को सीएम नहीं बनाएंगे तो मांझी का जवाब था कि ये फिलहाल महागठबंधन की बात है. बाद में अगर हमारे विधायक ज्यादा हुए तो सीएम हमारे समाज का होगा.
पार्टी के जिलाध्यक्षों को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि उनके सीएम रहते दलित समाज के लोगों के लिए बडे फैसले लिये गये. मेरे लिए गए 34 फैसलों में से कई फैसलों को नीतीश सरकार ने अपनाया लेकिन कई फैसले दरकिनार रह गए. जिनमें कॉमन स्कूलिंग सिस्टम प्रमुख था. जीतन राम मांझी ने कहा कि वो चाहते थे कि पीएम मोदी कॉमन स्कूलिंग सिस्टम और ज्यूडिशरी में आरक्षण प्रणाली लागू करें. अगर पीएम मोदी ऐसा करते तो वो उनके साथ रहते.
हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया कि लोकसभा के 40 सीटों पर वो चुनाव की तैयारी करें. जहां उनकी पार्टी चुनाव नहीं लडेगी वहां वो महागठबंधन के सहयोगी दलों को सपोर्ट करेंगे.
मांझी और उनके सहयोगियों ने हाल के दिनों में अपने तल्ख बयानों से महागठबंधन के बडे दलों की सांसे फुला रखी हैं. लेकिन सीएम पद पर दावेदारी ठोंक कर मांझी ने आरजेडी और तेजस्वी दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी है.