गणेश भगवान प्रथम पूजनीय देव हैं। गणपति की कृपा से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और जीवन आनंद से भर जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धन- हानि को दूर करने के लिए भगवान गणेश के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मां लक्ष्मी और गणपति महाराज को प्रसन्न करने के लिए रोजाना श्री गणेश स्तोत्र और श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम पाठ करें। ऐसा करने से गणपित महाराज और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
श्री गणेश स्तोत्र मंत्र-
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।
श्री अष्टलक्ष्मी स्त्रोतम:
- आदि लक्ष्मी
सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि चंद्र सहोदरि हेममये ।