महिला ने किया जयललिता की बेटी होने का दावा, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

चेन्नईः मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली एक महिला की जिज्ञासा पर अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या उसने 2016 में उसके यहां भर्ती हुई दिवंगत मुख्यमंत्री के ‘जैविक नमूनों’ को संरक्षित कर रखा है. न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने महिला के आवेदन पर नोटिस जारी किया.

महिला ने खुद को जयललिता की जैविक संतान बताया है. उसने अदालत से डीएनए परीक्षण कराने का आग्रह किया है. अपनी याचिका में महिला ने दावा किया कि उसे जयललिता की बहन और उसके पति को गोद दे दिया गया था. उसका लालन पालन करने वाले पिता ने पिछले साल मार्च में अपनी मृत्यु से पहले इस बारे में उसे बताया था. उसने अदालत से जमीन खोदकर जयललिता का शव निकालने का निर्देश देने तथा उसे एवं उसके परिवार को उनका दाह संस्कार करने की इजाजत देने की मांग की, क्योंकि जयललिता अयंगर ब्राह्मण थीं.

महिला के वकील ने कहा है कि डीएनए मिलान के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या अपोलो अस्पताल ने जयललिता के जैविक नमूने संरक्षित कर रखे हैं जहां 75 दिन तक भर्ती रहने के बाद दिसंबर, 2016 में उनका निधन हो गया था. वकील ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में अस्पताल को नोटिस भेजा था लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तब उन्हें अदालत आना पड़ा.

सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी महिला

महिला इसी अनुरोध के साथ पिछले महीने भी उच्चतम न्यायालय पहुंची थी लेकिन न्यायालय ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. महिला ने दावा किया कि उसे जयललिता की बहन और उनके पति को गोद दे दिया गया था. हालांकि न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा था कि वह उच्च न्यायालय जाने के लिए स्वतंत्र है.

हालांकि यह मामला सुनवाई के लिए जब आया तो न्यायमूर्ति वैद्यनाथन ने कहा कि कई लोगों ने दावा किया कि वे जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारी हैं. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामले पर अंतिम फैसले के लिए डीएनए परीक्षण का आदेश दिया जा सकता है. अदालत ने कहा कि अगर परीक्षण के बाद दावा झूठा साबित हुआ तो याचिकाकर्ता को इसके नतीजों का सामना भी करना पड़ेगा.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com