जातीय संघर्ष के नाम पर महाराष्ट्र में लगातार हिंसा फैल रही है. बुधवार को कई दलित संघठनों ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है. मुंबई, पुणे, औरंगाबाद समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी लगातार आ रही हैं. पढ़ें अभी तक इस मुद्दे पर किसने क्या बोला…
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने हिंसा पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब धरती में लावा ज्यादा गर्म होता है, तो ज्वालामुखी फटता है. जो लोग नीचे हैं उन्हें चिंता नहीं है जो ऊपर हैं वो खैर मनावे. उनके अलावा केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने आश्वासन दिया है कि उन्होंने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर बात की है, किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा.
विपक्ष का बीजेपी पर हल्ला बोल
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने हिंसा का ठीकरा सरकार पर फोड़ा है. उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव में जो कुछ हुआ है वह सब सरकार की जिम्मेदारी है. पटेल बोले कि सरकार को पता था कि वहां पर लाखों लोग जमा हो रहे हैं और उन्हें किस तरह से हैंडल करना है यह सरकार की जिम्मेदारी है जिसमें सरकार विफल रही है हम इस मामले को राज्यसभा में उठाएंगे.
कांग्रेस नेता कमलनाथ बोले कि बीजेपी को इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है, ये सिर्फ इकलौता मुद्दा नहीं है. ऐसा पहले भी हुआ है, हम सदन में इस मुद्दे को उठाएंगे.
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस पूरे मामले को जिस तरह से हैंडल किया है वह बेहद शर्मनाक है. यह लोग अंबेडकर के संविधान को नहीं मानते हैं. उल्टा दलित नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया है हम इस मामले को जोरदार तरीके से लोकसभा राज्यसभा दोनों में उठाएंगे.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पुणे हिंसा पर कहा कि हर साल दलित लोग ये कार्यक्रम होता हैं, जिसमें लाखों लोग आते हैं. सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं कौन लोग इसके पीछे हैं ये जांच की रिपोर्ट में पता चल जाएगा. उन्होंने इस मुद्दे पर जिग्नेश मेवाणी का बचाव भी किया. अठावले बोले कि इस घटना के पीछे जिग्नेश मेवणी नहीं हैं ये ठीक वो मोदी जी के खिलाफ बोलते हैं लेकिन इस घटना उनका हाथ नहीं हैं.