
बता दें कि सेनिया एक रिटायर्ड नर्स हैं और वह करीब दस दिनों से स्टेज-3 कोमा में थीं। परिवार ने डॉक्टर्स को घर पर ही इलाज के लिए बुलाया था। डॉक्टर्स ने देखा कि सेनिया की हालत गंभीर है ऐसे में अगर उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो उनकी हालत और खराब हो सकती है। इसलिए उन्हें घर पर आराम करने की सलाह दी गई। डॉक्टर्स के जाने के बाद सेनिया ने सांस लेना बंद कर दी। उसके बाद परिवार ने डॉक्टर्स के साथ पुलिस को भी सूचना दी।
डॉक्टरों ने चेक करने के बाद इस बात की पुष्टि कर दी कि सेनिया अब सब छोड़कर जा चुकी हैं। इसके बाद परिवार वालों ने उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी। स्थानीय अधिकारियों ने भी उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। परिवार ने कब्र खोदने वाले के साथ एक पादरी को भी बुला लिया।
जब सेनिया का परिवार उन्हें दफनाने की तैयारी कर ही रहा था, उसी वक्त उनकी बेटी को कुछ अजीब सा महसूस हुआ. उनकी बेटी ने बताया, शाम साढ़े सात बजे जब मैंने उनका माथा छुआ, तो वह गर्म था जिसका मतलब था कि वह जिंदा थी। इसके बाद हम उन्हें अस्पताल लेकर गए। सेनिया का इलाज करने वाले डॉक्टर व्लादीमीर चेबोतारेव ने बताया, मैंने अपने 37 साल के करियर में ऐसा केस पहले कभी नहीं देखा। जब उन्हें अस्पताल लाया गया था तो वह स्टेज 3 कोमा में थीं जिसका मतलब था कि जिंदा होते हुए भी जिंदा लाश जैसी थीं। हमने उन्हें ऑब्जरवेशन में रखा और एक हफ्ते के अंदर ही वह कोमा से बाहर आ गईं।
जब सेनिया कोमा से बाहर आ गई तो उन्होंने बताया कि मौत के बाद वह स्वर्ग में पहुंच गई थी। सेनिया ने बताया कि, मैंने स्वर्ग देखा और वहां जाकर अपने पिता को आवाज लगाई। मैं उनसे पूछा चाहती थी कि क्या उनके लिए वहां रहना आसान था। मैं उन्हें वहां महसूस कर पा रही थी और मुझे उम्मीद थी कि वह मुझसे मिलेंगे लेकिन, आंखें खोलते ही अपने आस-पास सफेद कपड़े पहने लोग देखे, जिन्हें देखकर पहले मुझे लगा कि वे फरिश्ते हैं, मगर ये तो डॉक्टर थे। मुझे लगता है कि मुझ पर ऊपरवाले की मेहर हुई है जिस कारण मुझे दोबारा जीवन मिला।
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