ममता के लिए बंगाल में विधान परिषद का गठन करना होगा मुश्किल, मोदी सरकार फंसाएंगी पेंच

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी विधानसभा में राज्य में विधान परिषद (Legislative Council) बनाने का प्रस्ताव पेश सकती हैं. सीएम ममता ने बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान विधान परिषद का गठन करने का वादा किया था. बता दें कि बंगाल में 2 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ हुआ है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएम ममता बनर्जी विधानसभा के मानसून सत्र में विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव पेश कर सकती हैं. गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं और यदि विधान परिषद का गठन होता है तो उसमें 98 सीटें हो सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि विधान परिषद की सीटों की संख्या विधान सभा की सीटों की संख्या से एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकती. बता दें कि सीएम ममता बनर्जी भले ही विधानसभा में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पेश कर दें, किन्तु उसके बाद भी एक पेंच फंसेगा. विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से बहुमत से पास कराना होगा. इस प्रकार देखा जाए तो बंगाल में विधानसभा परिषद का गठन केंद्र की मोदी सरकार की अनुमति के बिना नहीं हो सकता.  

बता दें कि बंगाल में 5 दशक पहले विधान परिषद हुआ करती थी, किन्तु बाद में इसे खत्म कर दिया गया था. आजादी के बाद 5 जून 1952 को बंगाल में 51 सदस्यों वाली विधान परिषद गठित की गई थी. बाद में 21 मार्च 1969 को इसे समाप्त कर दिया गया था. 2011 के चुनाव में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में आते ही विधान परिषद के गठन का वादा किया था, लेकिन यह अब तक नहीं किया गया है. 

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