उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के मदरसों पर खास निगरानी रखने जा रही है। अब मदरसों पर जीपीएस सर्विस के जरिए नजर रखी जाएगी।
सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि मदरसों में नकली स्टूडेंट्स और कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है। राज्य सरकार ने मदरसों से क्लास रूम के मैप, इमारत की तस्वीरें और टीचर्स के बैंक अकाउंट भी मांगे हैं। कर्मचारियों के आधार कार्ड की डीटेल सरकार के पोर्टल पर अपलोड करने के लिए भी कहा गया है।
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यूपी सरकार ने मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि सभी 16,000 मदरसों की जियो-टैगिंग की जाए। इसके बाद मदरसों को एक कोड दिया जाएगा। प्रधान सचिव मोनिका गर्ग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी मदरसे सरकार की नई वेबसाइट madarsaboard.upsdc.gov.in पर 15 अक्टूबर तक रजिस्टर होने चाहिए।
इस कदम के पीछे बताई गईं 8 वजहों में विकास को भी गिनाया गया है। आदेश में कहा गया है, ‘इस पोर्टल की शुरुआत विकास, स्पर्धा, सरलीकरण और शिक्षा में सुधार को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।’
आदेश के मुताबिक इसका उद्देश्य नकली छात्रों और शिक्षकों की पहचान करना है। मदरसों के कर्मचारियों के बैंक अकाउंट भी जांचे जाएंगे। खातों की जांच के बाद ही शिक्षकों और कर्मचारियों को तनख्वाह दी जाएगी। पोर्टल पर मदरसों द्वारा दी गई जानकारी की जांच जिला अल्पसंख्यक अधिकारी करेगा और इसके बाद किसी भी डेटा में बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी।