झारखण्ड में निकाय चुनाव का मतदान 15 अप्रैल को हुआ था, जिसके बाद निकाय चुनाव कराने आए आईआरबी की एक कंपनी जो एसएस जेएस नामधारी कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र की सुरक्षा में तैनात थी. जहां एक जवान ने खुद की कंपनी के हवलदार की गोली मरकर हत्या कर दी. 20 अप्रैल को मतगणना ख़त्म करने के बाद कंपनी वापस जाने के बारे में विचार कर रही थी कि आज सुबह 6.15 बजे गोली की आवाज़ सुनकर कंपनी की पूरी टीम जाग पड़ी.
उसके बाद सब आवाज़ की दिशा में दौड़ लगाने लगे, घटना स्थल पर पहुँच कर देखते हैं उन्ही की कंपनी का जिला मुंगेर निवासी हवलदार अफ़रोज़ शमद का मृत शरीर पड़ा हुआ है. जिसके बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, और टीम के सदस्य हमलावर को तलाश करने लगे, लेकिन गोली किसने चलाई है इसका पता न चल सका, आखिर में स्थानीय लोगों ने आईआरबी के अधिकारीयों को बताया कि उन्होंने आईआरबी के ही एक जवान को पिस्तौल लेकर भागते हुए देखा गया है.
अधिकारीयों ने छानबीन की तो पता चला कि मझिआंव थाना क्षेत्र निवासी आईआरबी जवान मुक्ति नारायण सिंह का कहीं अता-पता नहीं था, इसपर अधिकारीयों का शक मुक्ति नारायण सिंह पर ही गया, मुक्ति अभी भी फरार है, वहीँ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, इस इलाके में आम लोगों की आवाजाही पर फिलहाल रोक लगी हुई है. बताया जा रहा है कि जवान की मानसिक हालत ठीक नही थी.