हिंदी सिनेमा में बेहतरीन अदाओं और अभिनय से ढाई दशकों तक लोगों को अपना दीवाना बनाने वाले शशि कपूर का कल देर शाम निधन हो गया। मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वो 79 वर्ष के थे। अभिनेता शशि कपूर का अंतिम संस्कार सांताक्रूज में आज दोपहर 12 बजे होगा। उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरु हो चुकी है। जैसे ही शशि कपूर के बच्चे संजना कपूर और करण कपूर अमेरिका से भारत पहुंचेंगे उसके बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इस बीच शशि कपूर के पार्थिव शरीर को उनके घर जानकी कुटीर ले जाया गया है। शशि कपूर के निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर है। संजय दत्त से लेकर तमाम बड़े अभिनेता उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पहुंच चुके हैं।
वहीं दूसरी तरफ सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने शशि कपूर की याद में एक ब्लॉग लिया है। अमिताभ बच्चन, शशि कपूर के काफी करीबी थे। दोनो ने एक साथ ‘दीवार’, ‘सुहाग’, ‘त्रिशूल’ जैसी फिल्मों में काम किया था। अमिताभ बच्चन ने रूमी जाफरी के एक शेर से अपने ब्लॉग की शुरुआत की।
‘हम जिंदगी को अपनी कहां तक सम्भालते
इस क़ीमती किताब का कागज खराब था’
तीन बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजे गए शशि कपूर
ब्लॉग में अमिताभ ने लिखा वो किस तरह शशि कपूर से प्रभावित थे। अपने ब्लॉग पर अमिताभ बच्चन ने शशि कपूर से जुड़ी कई यादें साझा की है। उन्होंने लिखा किस तरह वो शशि कपूर के हेयरस्टाइल, उनके बिहेवियर को कॉपी करते थे। अमिताभ ने बताया कि उन्हें शशि कपूर के घुंघराले बाल जो बड़ी बेतरतीबी से उनके माथे पर और कान के पास बिखरे रहते थे, बहुत पसंद थे। ब्लॉग में अमिताभ ने ये भी बताया है कि शशि कपूर उन्हें ”बबुआ” बुलाते थे।
जैसे ही शशि कपूर के निधन की खबर आई तो उनके अंतिम दर्शन को बॉलीवुड से तमाम स्टार्स जुटने लगे। अमिताभ बच्चन अपने पूरे परिवार के साथ कपूर खानदान के इस शोक की बेला में शामिल रहे। राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई बड़ें नेताओं ने ट्वीट कर शशि कपूर को श्रद्धांजलि दी है।
आपको बता दें कि शशि कपूर पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। शशि कपूर को शनिवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद एडमिट किया गया था। 60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दी। शशि कपूर को तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। साल 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था।