नागरिक विमानन मंत्रालय ने एनटीपीसी को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसके तीन विद्युत संयंत्रों में अनुसंधान और पड़ताल गतिविधियों के लिए ड्रोन का उपयोग करने की अनुमति दी है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए ने सशर्त छूट प्रदान की है।
मंत्रालय ने कहा कि एनटीपीसी मध्यप्रदेश के विंध्याचल सुपर थर्मल बिजली संयंत्र और गाडरवारा सुपर थर्मल बिजली संयंत्र और छत्तीसगढ़ के सीपत थर्मल बिजली संयंत्र में ड्रोन का उपयोग कर सकता है। एनटीपीसी को यह सशर्त छूट 31 दिसंबर तक या डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के पूर्ण संचालन तक, जो भी पहले हो, दी गई है।
हालांकि, मंत्रालय और डीजीसीए की ओर से दी गई सशर्त अनुमति के बाद भी एनटीपीसी को स्थानीय प्रशासन, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय वायु सेना और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से इसके लिए आवश्यक अनुमति लेनी होगी। एनटीपीसी केवल दूरस्थ प्राइवेट विमान प्रणाली (आरपीएएस) का संचालन करेगा।
इस संबंध में नागरिक विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने कहा, ‘एनटीपीसी ड्रोन का उपयोग तीन एनटीपीसी संयंत्रों पर इलाके की मैपिंग, स्टॉकपाइल वॉल्यूमेट्रिक विश्लेषण, हवाई निरीक्षण और अन्य अनुप्रयोगों को करने के लिए करेगा। इससे एनटीपीसी को कम लागत में सटीक और उचित जानकारी मिलेगी।’
संयुक्त सचिव ने आगे कहा कि यह फैसला भारत सरकार के बुनियादी ढांचे, खनन, कृषि और आपदा राहत आदि में औद्योगिक ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के तहत ही लिया गया है। वहीं, इसे लेकर एनटीपीसी को यह भी सुनिश्चित करेगा कि केवल प्रशिक्षित, अनुभवी और योग्य कर्मी ही आरपीएएस का संचालन करें।